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विद्यालय में जाने से पहले शिक्षकों को कराना होगा कोरोना टेस्ट

कोरोना के चलते पिछले कई महीने से बंद रहे विद्यालय 21 सितंबर से खुल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 06:15 PM (IST)
विद्यालय में जाने से पहले शिक्षकों को कराना होगा कोरोना टेस्ट
विद्यालय में जाने से पहले शिक्षकों को कराना होगा कोरोना टेस्ट

जागरण संवाददाता, पलवल: कोरोना के चलते पिछले कई महीने से बंद रहे विद्यालय 21 सितंबर से खुल रहे हैं। सरकार ने नौवीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए विद्यालय खोलने के आदेश देते हुए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसीजर) भी जारी किया है। एसओपी के तहत सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में कार्यरत कक्षा नौवीं और 12वीं तक के अध्यापकों को विद्यालय जाने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा। साथ ही जिन विद्यार्थियों का घर कंटेनमेंट जोन के दायरे में है। वे स्वेच्छा से अपने अध्यापकों से परामर्श और अपने माता-पिता से लिखित अनुमति लेकर विद्यालय आ सकेंगे।

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जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और निजी विद्यालय के मुखियाओं को आदेश जारी किए गए हैं कि वे विद्यालय खोलने से पहले, विद्यालय खोलने के बाद तथा विद्यालय समय के दौरान एसओपी में दिए गए सभी नियमों का पालन कराना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निश्चित संख्या में ही आ सकेंगे विद्यार्थी : जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शारीरिक दूरी के नियम का पूरा ध्यान रखते हुए कक्षा में निश्चित संख्या में ही बच्चों को बैठाया जाएगा। जिससे शारीरिक दूरी के नियमों का पालन हो सके। इसके लिए विद्यालय आने वाले विद्यार्थियों को अध्यापक आपसी समन्वय से समय प्रदान करें। विद्यालय आने वाले अध्यापकों के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य है। इसके बिना आने वाले अध्यापकों को विद्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। विद्यालय खोले जाने की अनुमति मिलने के साथ ही जिले राजकीय और निजी विद्यालय प्रबंधनों ने तैयारी शुरू कर दी है। विद्यालय आने वाले हर शख्स की थर्मल स्क्रीनिग की जा रही है। विद्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर कक्षाओं तक को सैनिटाइज किया जा रहा है। कक्षाओं में विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाने के लिए सिटिग अरेंजमेंट शुरू कर दिया गया है। जिले से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को यह सूचित कर दिया गया है कि वह सख्ती से गाइडलाइन का पालन कराएं। लापरवाही बरतने में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विद्यालय में शिक्षकों के 50 फीसद स्टाफ को ही बुलाने की अनुमति दी गई है। उम्रदराज व किसी बीमारी से पीड़ित कर्मचारियों को फ्रंटलाइन में काम पर नहीं लगाया जाएगा।

- अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी विद्यालय खुलने को लेकर अभिभावकों से बात हुई थी, जिसमें 90 फीसद अभिभावकों ने फैसले पर सहमति जताई है। इस फैसले को लेकर बच्चे भी सभी उत्साहित हैं। कोरोना से बचाव के लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसका पालन सुनिश्चित किया जाएगा। हर एक बच्चे की जिम्मेदारी हमारी है।

- राजवीर सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पलवल


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