भारी भरकम टोल टैक्स, सुविधाएं नगण्य, सांसत में जान
राजमार्गो पर इंजिनियर की लापरवाही लोगों के लिए परेशानी बन रही है।
संजय मग्गू, पलवल
सफर को सुगम बनाने के लिए बड़े-बड़े राजमार्ग बन रहे हैं, एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है तो प्रादेशिक राजमार्गों व लिक मार्गों के ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है। निर्माण एजेंसियों द्वारा बनाए गए इन सभी प्रोजेक्ट पर लगने वाले पैसे को वाहन चालकों से टोल टैक्स के रूप में लिया जाता है। टोल टैक्स के रूप में भारी-भरकम कर अदा करने के बावजूद सुविधाएं नगण्य हैं, जिसके चलते कई बार तो वाहन चालकों की जान सांसत में आ जाती है। अब आने वाले दिनों में कोहरा पड़ेगा, लेकिन कोहरा प्रबंधन के नाम पर भी सब कुछ शून्य दिख रहा है।
हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग को छह मार्गीय किया जा रहा है तथा इसी के तहत शहर में करीब तीन किलोमीटर का एलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है। करीब दो वर्ष से चल रहे इस एलिवेटेड पर अनियमितताओं की भरमार है। कछुआ गति से चल रहा निर्माण कार्य काफी समय से ठप भी पड़ा हुआ है। सर्विस लेन की चौड़ाई पहले ही कम है, उस पर भी अतिक्रमण की भरमार है। सारे रास्ते पर रोशनी की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है, कुछ स्थानों पर लाइटें लगी तो हैं लकिन वे कब जलती हैं कब बंद होती हैं पता नहीं चलता। महर्षि दयानंद चौक से कुसलीपुर फ्लाइओवर तक करीब दो किलोमीटर के एरिया में लोगों ने डिवाइडर को तोड़कर जगह-जगह अवैध कट बना रखे हैं। लंबी दूरी तय करने से बचने के लिए लोग इन अवैध कटों से होकर निकलते हैं, जिसके चलते दुर्घटनाओं का भी भय बना रहता है। जब तक निर्माण कार्य चल रहा है, विकल्प के तौर पर उपायुक्त निवास से ओमेक्स सिटी के बीच टैंपरेरी कट देकर इस सबसे बचा जा सकता है, लेकिन इस तरफ न तो निर्माण एजेंसी का ध्यान है व न ही एनएचएआइ का।
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केएमपी-केजीपी पर भी हाल बेहाल :
केएमपी व केजीपी एक्सप्रेस-वे भी सुविधाओं व बेहतर सफर की आस को ठेंगा दिखाते हैं। सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट इन दोनों मार्गों पर जहां-तहां अवैध कट बने हुए हैं, जिनसे बेहिचक वाहन पार निकलते रहते हैं। वैसे तो इन मार्गों पर दोपहिया वाहनों पर रोक लगी है, लेकिन साथ लगते गांवों के लोग अपने दोपहिया वाहनों के साथ सड़क के आर-पार निकलते रहते हैं। साइड़ की ग्रिल की ऊंचाई कम होने के चलते एक्सप्रेस-वे कई बार तो पशु बाड़े लगते हैं। सड़को को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि स्पीड बढ़ने पर कार ही नहीं भारी वाहन भी हिचकोले खाने लग जाते हैं।
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जागरण सुझाव
- जहां कहीं कट हों उससे पहले सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाएं
- आबादी वाले स्थानों, स्कूल-कॉलेज के आसपास भी जानकारीपरक संकेतक लगाए जाएं
- यदि कहीं अवैध कट बना दिए गए हैं तो उन्हें तुरंत प्रभाव से बंद कराया जाए
- यदि कहीं अवैध स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं तो उन्हें भी हटवाएं
- पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ, फुट ओवरब्रिज तथा जेब्रा क्रासिग बनाएं
- जहां कहीं डायवर्जन किया गया है तो वहां निश्चित रूप से रिफ्लेक्टर लाइट या टेप लगाएं
- सभी मार्गों पर रोशनी के उचित प्रबंध किए जाएं
- राजमार्ग व एक्सप्रेस-वे पर साइड़ की ग्रिल की ऊंचाई इतनी हो कि पशु उसे पारकर सड़क पर न आ सकें
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राजमार्ग प्राधिकरण की टीम इस तरफ पूरा ध्यान रखती है कि इंजीनियरिंग संबंधी कोई कमी दिखे तो उसका तुरंत सुधार कराया जाए। राजमार्ग पर एलिवेटेड रोड के निर्माण के चलते कुछ अव्यवस्थाएं है, लेकिन उसकी समय-समय पर समीक्षा की जा रही
- धीरज सिंह, कार्यकारी अभियंता, एनएचएआइ
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कोहरे के चलते दुर्घटनाओं का खतरा अधिक बन जाता है। ऐसे में सावधानी तथा यातायात नियमों की पालना बचाव सबसे जरूरी है। अवैध कटों से न निकलें तथा वाहन में सुरक्षा संसाधन के साथ चलें।
- देवेंद्र सिंह, संयोजक, रोड सेफ्टी ओमनी फाउंडेशन