रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में जुलूस निकाला
रोड़वेज हड़ताल के नवें दिन कर्मचारियों का धरना प्रर्दशन जारी रहा। सर्वकर्मचारी संघ व महासंघ के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने परिवहन विभाग के कर्मचारियों के सर्मथन में शहर में जलूस निकालकर नारेबाजी की। नारेबाजी करते हुए ये कर्मचारी धरना में शामिल हुए..
संवाद सहयोगी, पलवल : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के नौवें दिन कर्मचारियों का धरना प्रर्दशन जारी रहा। सर्व कर्मचारी संघ व महासंघ के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने परिवहन विभाग के कर्मचारियों के समर्थन में शहर में जुलूस निकालकर नारेबाजी की। रोडवेज परिसर में चल रहे धरने प्रर्दशन को जहां सभी कर्मचारियों ने समर्थन दिया वहीं अब पंचायत प्रतिनिधि भी कर्मचारियों के सहयोग में शामिल होने लगे हैं। राजेंद्र सरपंच खेड़ला तथा पंचायत समिति के सदस्यों डॉ. राजकुमार ओल्याण व सुरेंद्र ¨सह ने भी अपना समर्थन दिया।
डॉ.राजकुमार ने कहा कि सरकार आगे आकर कर्मचारियों से बात करके समस्या का समाधान करें। कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन को किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचंद, सोहनपाल, श्रीपाल भाटी, रमेशचंद प्रधान, अशोक बालयान, वेदपाल, जसबीर तेवतिया, हीरालाल, हुकम ¨सह, नरेंद्र ¨सह, तीर्थ ¨सह देशवाल गीतेश कुमार, जितेंद्र तेवतिया के अलावा कई कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर सभी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर सरकार मांगे नहीं मानती हैं तो सभी कर्मचारी संगठन आंदोलन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे। धरने की अध्यक्षता गंगालाल सौरौत व संचालक महासंघ के प्रधान जिले ¨सह भड़ाना ने किया। हड़ताल के कारण सवारी रहीं परेशान :
हड़ताल के कारण केवल 52 बसें ही चलीं, इनमें कई बसें खराब रहीं। वहीं छोटे मार्गो पर बसों की संख्या न होने के कारण रोज की भांति आज भी सवारियां को बसों की इंतजार में घंटों बैठना पड़ा। हथीन, मंडकोला , नूंह, मोहना व हसनपुर जाने के लिए लोगों को ज्यादा परेशानी हुई। बस नहीं मिलने के कारण ज्यादातर सवारियों को प्राइवेट वाहनों से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंची। मैं कई घंटे से इंतजार में बैठी हूं। मुझे उटावड जाना है। लेकिन कोई सरकारी बस यहां से नहीं जाती है। बूढ़ी हूं हड़ताल के कारण कैसे घर पहुंचा जाएगा।
- धापो, वृद्धा महिला यात्री। मुझे हसनपुर जाना था। बस की पूछते-पूछते थक गई हूं। कोई बताकर राजी नहीं कि कहां से बस मिलेगी। अब तो लगता है के प्राइवेट सवारी से घर जाना पड़ेगा।
- महादेवी, वृद्धा महिला यात्री।