खुले आसमान के नीचे ठिठुर रही जिदगी, चालू नहीं हुए रैन बसेरे
सर्द रातों में रैन बसेरों की महत्ता बढ़ जाती है। यहां सर्दियों में हर रात बड़ी तादाद में बेसहारा लोग पनाह लेते हैं।
अंकुर अग्निहोत्री, पलवल:
सर्द रातों में रैन बसेरों की महत्ता बढ़ जाती है। यहां सर्दियों में हर रात बड़ी तादाद में बेसहारा लोग पनाह लेते हैं। इनमें कोई मजदूर तो कोई हालात का मारा होता है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के चलते आने वाले दिनों में मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। लेकिन जिले में बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए अबतक एक भी रैन बसेरा चालू नहीं हुआ है। बेसहारा लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। न नगर परिषद इसकी परवाह कर रहा है न रेडक्रास सोसायटी इसकी सुध ले रही है। बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए शहर में हर साल जाट धर्मशाला, ब्राह्मण धर्मशाला, बस स्टैंड स्थित दो बसों में तथा श्री राम मंदिर (गहलब रोड हथीन), अग्रवाल धर्मशाला (होडल) व उपकार मंडल हाई स्कूल (हसनपुर) में रैन बसेरे तैयार किए जाते हैं। लेकिन अभी तक मगर दिसंबर महीना शुरू होने के बाद भी इनमें से एक भी रैन बसेरा चालू नहीं किया गया है। किसी में बेड पूरे नहीं हैं तो किसी में रजाई और गद्दे नहीं हैं।
बस स्टैंड में जिन दो बसों में रैन बसेरे तैयार किए जाते हैं, वे अभी नदारद हैं। जबकि कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि रैन बसेरों की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए और समय-समय पर पड़ताल भी की जानी चाहिए कि उनमें लोगों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना ही होगा कि सर्दी के कारण किसी की जान न जाने पाए। चले जागरुकता अभियान
कई बार देखा गया है कि शहर में रेन बसेरे की व्यवस्था होने के बावजूद लोग उसमें नहीं जाते हैं। इसके लिए चाहिए कि नगर परिषद और रेडक्रास सोसायटी की टीम मिलकर रात को शहर का दौरा करे और इस दौरान जो लोग खुले आसमान के नीचे सोते दिखाई दें उन्हें जगाकर रैन बसेरों में जाने के लिए जागरूक किया जाएगा।
जिले के रैन बसेरे
-दिल्ली-मथुरा मार्ग पर जाट धर्मशाला में
-बस स्टैंड- कमेटी चौक मार्ग पर ब्राह्मण धर्मशाला में
-बस स्टैंड स्थित दो बसों में
-गहलब रोड हथीन स्थित श्री राम मंदिर में
-होडल स्थित अग्रवाल धर्मशाला में
-हसपुर स्थित उपकार मंडल हाई स्कूल में रेडक्रास की तरफ से ठंड के मौसम में जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, जो इस साल भी चलाया जाएगा। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों आदि के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर पहुंच कर जरूरतमंदों को रैन बसेरों के बारे में बताया भी जाता है। उम्मीद है कि मंगलवार तक सभी रैन बसेरों को चालू कर दिया जाएगा।
- महेश मलिक, डीटीओ, रेडक्रास सोसायटी।