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जिले में बनेंगी 50 कोविड वाटिका

कोविड महामारी को देखते हुए प्रदेश के 1100 गांवों में कोविड वाटिका बनाई जाएगी। वन विभाग पलवल के अधिकारियों ने जिले में 50 गांवों को चिन्हित किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:09 AM (IST)
जिले में बनेंगी 50 कोविड वाटिका
जिले में बनेंगी 50 कोविड वाटिका

विनोद शर्मा, पलवल

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वैश्विक महामारी कोविड-19 को मात देने के लिए वन विभाग जिले में 50 स्थानों पर कोविड वाटिका बनाएगा। इन वाटिकाओं में 24 प्रकार के औषधीय पौधे रोपे जाएंगे, जिनकी छाल, फल-बीजों से तैयार किया गया काढ़ा मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। वन विभाग ने जिले में पलवल शहर तथा 49 गांवों को चिन्हित किया है।

विभागीय जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित नर्सरी में पौध तैयार करनी शुरू कर दी गई है तथा उपमंडल स्तर पर और भी नर्सरी तैयार की जाएंगी। विभाग का प्रयास है कि मानसून से पहले वाटिका तैयार कर इन्हें रोपा जाएगा। मानसून जैसे ही दस्तक देगा, ग्रामीणों को यह पौधे दिए जाएंगे। वाटिका में फलदार पौधे भी रोपे जाएंगे तथा वन विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर इसका प्रचार भी करेंगे। विभाग द्वारा पंचायतों के माध्यम से आमजन को भी पौधे वितरित किए जाएंगे, ताकि वे अपने घरों में भी बगिया खिला सकें। इसके लिए हर ब्लॉक में पहले एक वाटिका बनाकर ग्रामीणों को दिखाई जाएगी। वाटिका बनाने के लिए शहर में सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा।

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इसलिए जरूरी वाटिका

ऐलोपैथिक व आयुष विभाग के डॉक्टर भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा बनाने की सलाह देते हैं। गांवों में औषधीय पौधों वाली कोविड वाटिकाएं विकसित हो जाएंगी तो काढ़ा मिलना आसान हो जाएगा। गिलोय, शहतूत, कपूर, एलोवेरा, बेरी, शतावरी, गोखरू, कढ़ी पत्ता, नींबू, मुलहठी, मोरिगा, अशोका, नीम, अर्जुन, आंवला, बहेड़ा, हारश्रृंगार, इमली, बेल, अकरकरा, जामुन, निरगुंडी, ढाक, पत्थरचटा औषधीय पौधों में आते हैं तथा विभाग की नर्सरी में इन सबकी पौध तैयार की जाएगी।

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इन गांवों में बनेगी वाटिका :

विभागीय जानकारी के अनुसार जिले के चारों खंडों पलवल, पृथला, होडल व हसनपुर के 50 गांवों का चयन कर लिया गया है। जिन गांवों में यह वाटिका बनाई जाएंगी उनमें गेलपुर, जटोला, घर्रोट, मिडकौला, मेघपुर, आलापुर, जनाचौली, अकबरपुर नाटोल, फिरोजपुर खेडला, रसूलपुर, खजूरका, बढराम, आलापुर, मांदकौल, रामपुर खोर, अमरपुर, मंडोरी, जोहरखेड़ा, नौरंगाबाद, सुल्तानपुर, सुजवाड़ी, पूठली, स्यापनकी, मंढनाका, बेढ़ा, गोपीखेड़ा शामिल हैं। इसके अलावा दीघोट, पिगोड़ , टीकरी ब्राह्मण, हथीन, भिडूकी, मीतरोल, मानपुर, फुलवाड़ी, कोंडल, होडल, पैंगलतू, सेवली, सराय खटेला, गहलब, पहाड़ी, बहीन, गुदराना, खांबी, गढ़ी, हसनपुर, घासेड़ा, गोपालगढ़, स्वामीका शामिल हैं। इसके अलावा पलवल शहर में भी एक वाटिका तैयार करने की योजना बनाई गई है।

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आयुष मंत्रालय के अनुसार औषधीय पौधों से बनाया गया काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने व महामारी से लड़ने में सहायक होता है। जिसे देखते हुए अपने ही क्षेत्र में ऐसे पौधों की वाटिकाएं तैयार करने की नई योजना आई है। औषधीय पौधों युक्त यह वाटिका कोविड वाटिका के नाम से जानी जाएंगी। पलवल शहर सहित 50 गांवों को चिन्हित किया गया है, यदि चिन्हित किए गए गांवों में से किसी में पंचायत की जमीन नहीं मिलती है तो अन्य गांव का चयन किया जाएगा।

- दीपक पाटिल, जिला वन अधिकारी


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