Move to Jagran APP

केंचुआ खाद को बेरोजगार युवक व्यवसाय के तौर पर अपनाएं

कृषि विज्ञान केंद्र मिडकौला द्वारा केंचुआ खाद बनाने पर पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:09 PM (IST)
केंचुआ खाद को बेरोजगार युवक व्यवसाय के तौर पर अपनाएं

संवाद सहयोगी, पलवल : कृषि विज्ञान केंद्र मिडकौला द्वारा केंचुआ खाद बनाने पर पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें नूंह व पलवल जिले के 30 युवकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार द्वारा किया गया।

loksabha election banner

उन्होंने बताया कि कृषि में केंचुआ खाद व्यवसाय को अपनाकर बेरोजगार युवक अपने गांव में ही रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं। खेती में रसायनों के अनुचित व अत्याधिक प्रयोग के कारण वातावरण व जमीन की उवर्रकता शक्ति दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। इसलिए किसानों को रसायनों के साथ-साथ जैविक खेती, जिसमें विशेषकर केंचुआ खाद पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग की वजह से जमीन में जैविक अंश का स्तर घटकर 0.2 से 0.3 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, जोकि फसलों की पैदावार के लिए चिताजनक बात है। उत्पादकता को बढ़ाने के लिए जमीन में जैविक स्तर लगभग एक प्रतिशत होना चाहिए। जमीन में जैविक अंश के लिए जैविक संसाधनों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। इन्हीं जैविक संसाधनों में से एक केंचुआ खाद उत्पादन है। प्रशिक्षण के दौरान युवकों को केंचुएं की प्रजातियों विशेषकर इसिनियाफिटिडा के जीवन चक्र तथा केंचुआ खाद में उपयोग होने वाले विभिन्न संसाधनों जैसे गोबर, फसल अवशेष व केंचुआ खाद बनाने की विधि, उससे होने वाले लाभ आदि के बारे में विस्तार से बताया गया।

शिविर के समापन पर कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ संयोजक व गृह विज्ञान विशेषज्ञा डॉ. सुमित्रा यादव ने प्रशिक्षणार्थियों का प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र समय समय पर युवाओं के कौशल विकास के व्यवसायिक प्रशिक्षणों का आयोजन करता है, जिसका लाभ लेकर जिले के युवा अपना स्वरोजगार शुरू कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। इसी दिशा में अनुसूचित जाति के युवाओं को केंचुआ खाद बनाने पर प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही उन्होंने केंचुआ खाद यूनिट को स्थापित करने व केंचुएं के जीवन चक्र के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण के दौरान नाबार्ड अधिकारी विनय त्रिपाठी, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. बलवीर सिंह, डॉ. मुकेश, अजय अग्रवाल, वाई परमार, रोहताश, एजाज अहमद ने भी अपने विचार रखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.