तीन करोड़ की लागत से बिजली चोरी रोकने का खाका तैयार
बिजली निगम की ओर से बिजली चोरी रोकने के लिए आर्मड केबल बिछाने का काम शुरू होगा। ये कार्य बिजली निगम की लॉस रिडक्शन प्लान (एलआरपी) स्कीम के तहत होगा। इसके लिए निगम की ओर से टेंडर भी छोड़ दिया गया है। निगम की मानें तो लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से अप्रैल तक ये काम पूरा कर लिया जाएगा। आर्मड कोटेड केबल की खासियत यह है कि इसमें मोटे प्लास्टिक कवर के बाद लोहे की जाली है। जिसके नीचे फिर से प्लास्टिक की दो तह हैं। ऐसे में इसमें कट लगाकर बिजली चोरी के लिए आंकड़े डालना मुश्किल होगा। 11 केवी व 33 केवी की मेन सप्लाई के
जागरण संवाददाता, तावडू : बिजली निगम की ओर से बिजली चोरी रोकने के लिए आर्मड केबल बिछाने का काम शुरू होगा। ये कार्य बिजली निगम की लॉस रिडक्शन प्लान (एलआरपी) के तहत होगा। इसके लिए निगम की ओर से टेंडर भी छोड़ दिया गया है। निगम की मानें तो लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से अप्रैल तक ये काम पूरा कर लिया जाएगा।
आर्मड कोटेड केबल की खासियत यह है कि इसमें मोटे प्लास्टिक कवर के बाद लोहे की जाली है, जिसके नीचे फिर से प्लास्टिक की दो तह हैं। ऐसे में इसमें कट लगाकर बिजली चोरी के लिए आंकड़े डालना मुश्किल होगा। 11 केवी व 33 केवी की मेन सप्लाई के लिए यह केबल बिछाई जाती है। इसमें कट लगाने की गुंजाइश नहीं होती।
इस केबल को अंडरग्राउंड भी बिछाया जा सकता है या फिर इसे खंबों पर भी टांगा जा सकता है। इसमें बिजली निगम चुनिदा जगहों पर कनेक्शन देता है। वहीं कनेक्शन करने के बाद उस जगह को टेप से ढक दिया जाएगा। उसके बावजूद यदि किसी ने कट लगाया तो पुलिस में केस दर्ज कराया जाएगा। पहले शहर, फिर गांव
पहले चरण में पूरे तावडू शहर को आर्मड केबल से लैस किया जाएगा। केबल लाइन बिछाने के बाद ट्रांसफार्मर से सीधे कनेक्शन उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। सभी लाइनें आर्मड केबल की होंगी, जिसमें से बिजली चोरी करने का कोई विकल्प ही नहीं होगा। निगम ने यूं लिया ये निर्णय
बिजली चोरी की शिकायत मिलने पर निगम द्वारा छापेमारी की जाती है। इसके बावजूद बिजली चोरी का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। निगम का ये मानना है कि आर्मड केबल से बिजली चोरी स्वत: रुक जाएगी। इसलिए बिजली चोरों को पकड़ने को लेकर बिजली विजिलेंस के अधिकारियों के समय की बचत हो सकेगी। वर्तमान में यह स्थिति
तावडू शहर में 22 व ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत लाइन लॉस है। निगम द्वारा विभिन्न प्रयास करने के बावजूद ये लाइन लॉस काफी समय से कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। निगम का मानना है कि अगर लाइनलॉस 5-10 प्रतिशत की श्रेणी में आ जाता है तो शहर व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति हो सकेगी। लॉस रिडक्शन प्लान के तहत टेंडर छोड़ दिए गए हैं। लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से अप्रैल तक इस काम के पूरा होने की उम्मीद है। लाइन लॉस समाप्त करने को लेकर निगम ने आर्मड केबल बिछाने का निर्णय लिया है।
आशुतोष पांचाल, कार्यकारी अभियंता, बिजली निगम, सोहना डिवीजन