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हरियाणा की राजनीति में फिर से जमने को प्रयासरत हैं भड़ाना बंधु

संजय मग्गू, पलवल अलग-अलग समय पर एक-एक दशक तक हरियाणा व फरीदाबाद की राजनीति में आ

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 06:10 PM (IST)
हरियाणा की राजनीति में फिर से जमने को प्रयासरत हैं भड़ाना बंधु
हरियाणा की राजनीति में फिर से जमने को प्रयासरत हैं भड़ाना बंधु

संजय मग्गू, पलवल

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अलग-अलग समय पर एक-एक दशक तक हरियाणा व फरीदाबाद की राजनीति में आधिपत्य रखने वाले अवतार ¨सह भड़ाना व करतार ¨सह भड़ाना एक बार फिर से हरियाणा की राजनीति में अपनी जड़ें जमाने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि भड़ाना बंधु यूपी का राजनीति में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं, लेकिन एक बार विधायक चुने जाने के बाद करतार भड़ाना यूपी की राजनीति में असफल हो गए। अनके अनुज अवतार ¨सह भड़ाना ने भी दूसरी बार यूपी का रुख किया। वहां बीजेपी लहर में विधायक बनने में कामयाब हो गए। करतार अनफिट होकर हरियाणा में दोबारा से जमीन तलाश रहे हैं, तो अवतार का यूपी में मन नहीं लग रहा है।

भड़ाना बंधुओं ने राजनीति का ककहरा हरियाणा की प्रादेशिक राजनीति से ही सीखा है। वर्ष 1989 में ताऊ देवीलाल ने बिना विधायक होते हुए छह माह के लिए मंत्री बनाकर अवतार ¨सह भड़ाना का प्रदेश की राजनीति में पदार्पण कराया था। वहीं करतार ¨सह भड़ाना वर्ष 1996 में चौधरी बंसीलाल की लहर में समालखा से विधायक चुन कर प्रदेश सरकार के मंत्री बन गए। हालांकि दोनों बंधु अपनी मूल पार्टियों, जिन्होंने कि उन्हें आश्रय दिया था को अपने हितों के लिए तिलांजलि देकर दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए। जब हरियाणा की राजनीतिक बिसात पर दोनों भाइयों के गोटी फिट नहीं बैठी तो दोनों ने ही यूपी का रुख कर लिया। करतार जहां वर्ष 2012 में राष्ट्रीय लोकदल से खतौली से विधायक बन गए, लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में चुनाव हार गए। वहीं फरीदाबाद में रिकार्ड मतों से लोकसभा चुनाव हारकर अवतार ¨सह भड़ाना कांग्रेस छोड़कर इनेलो से होते हुए योगी-मोदी लहर पर सवार होकर यूपी के मीरापुर से विधायक बन गए।

वर्तमान परिदृश्य में जहां करतार यूपी में अनफिट होकर फरीदाबाद में जमीन तलाश रहे हैं, तो अवतार का यूपी में मन नहीं ल रहा है। अवतार जहां भाजपा से तैयारी कर रहे हैं, तो करतार इनेलो व कांग्रेस में पींगें बढ़ा रहे हैं। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार अवतार को भाजपा से टिकट न मिलने की सूरत में करतार फरीदाबाद से अपना दाव बिठाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इसके लिए वे जहां इनेलो आलाकमान के संपर्क में हैं, तो वहीं कांग्रेस में भी अपने पासे फिट कर रहे हैं। इसी संदर्भ में करतार ¨सह भड़ाना के पुत्र मनमोहन भड़ाना रणदीप सुरजेवाला की सभा में दलबल के साथ शामिल हुए।


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