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लॉकडाउन में पेड़-पौधों को रहे संवार

लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से प्रांगण में लगे हुए पेड़-पौधे बिना देखभाल के सूखने की कगार पर हैं। बढ़ती गर्मी के कारण पेड़-पौधों कहीं सूखकर खत्म न हो जाएं इसके लिए स्कूल के लिपिक संतराम व आइटीआइ के माली बलबीर बच्चों के साथ उन्हें संवारने में लग गए। उनकी पूरी टीम पौधों को बचाने के लिए लगातार पानी दे रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:12 PM (IST)
लॉकडाउन में पेड़-पौधों को रहे संवार

संवाद सहयोगी, हथीन : लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से प्रांगण में लगे पेड़-पौधे बिना देखभाल के सूखने की कगार पर हैं। बढ़ती गर्मी के कारण पेड़-पौधे कहीं सूख न, इसके लिए स्कूल के लिपिक संतराम व आइटीआइ के माली बलबीर बच्चों के साथ उन्हें संवारने में लग गए। उनकी पूरी टीम पौधों को बचाने के लिए लगातार पानी दे रही है।

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गर्मी के समय में उर्वरक तत्व व खाद की कमी न हो इसके लिए गाय के गोबर से बना खाद भी जड़ों के आस-पास खुदाई कर डाला जा रहा है। इन सभी की मेहनत से पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे होने लगे हैं। लिपिक संतराम ने बताया कि आज सबसे बड़ी समाजसेवा पौधारोपण व पौधों की देखभाल करना है। पर्यावरण प्रदूषित होने से मानव जीवन के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। वनों के कटाव से प्राकृतिक अंसुतलन उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य में जितनी तेजी से वनों का कटाव किया गया है, उतनी तेजी से पौधारोपण नहीं किया गया है। इसका नुकसान कहीं बाढ़ व कहीं सूखा पड़ने के रुप में मानव जाति को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे भी इन पौधों की देखभाल करने को बहुत उत्साहित रहते हैं। उनकी टीम में शिवकुमार, मोहन बघेल, मयंक, अंकुश, तनुज, कपिल और सागर शामिल हैं।


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