थाई मोहल्ले में मकान फटने से लोगों में दहशत
शहर के ऊंचाई वाले इलाके थाई मोहल्ला में एक बार फिर से कई मकान फटने से लोगों में दहशत है। मकान फटने लोगों को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि इससे कोई हताहत नहीं हुआ, परंतु डर जरूर पैदा हो गया है। मोहल्ले के लोगों ने पेयजल लाइनों के लीकेज होने को मकान फटने की वजह बताते हुए मुआवजे की मांग की है। मंगलवार को सुबह लोगों के गुस्से को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के उपमंडल अभियंता टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझा बुझाकर शांत किया।
संवाद सहयोगी, पलवल : शहर के ऊंचाई वाले इलाके थाई मोहल्ला में एक बार फिर से कई मकान फटने से लोगों में दहशत है। मकान फटने लोगों को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि इससे कोई हताहत नहीं हुआ, लेनिक डर जरूर पैदा हो गया है। मोहल्ले के लोगों ने पेयजल लाइनों के लीकेज होने को मकान फटने की वजह बताते हुए मुआवजे की मांग की है। मंगलवार को सुबह लोगों के गुस्से को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के उपमंडल अभियंता टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझाकर शांत किया।
पीड़ित संजीव तायल ने बताया कि मंगलवार सुबह जब उनकी आंख खुली तो मकान की दीवारों में जगह-जगह दरारें आई हुई थी। छत में भी बीच में दरार आ गई है। इससे कभी भी मकान गिर सकता है। उन्हें मकान की दीवारों और छत की मरम्मत करवानी पड़ेगी, जिसमें कई लाख रुपये का खर्चा आएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहल्ले में बिछी पेयजल लाइन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण लाइनों का पानी लीकेज होकर मकानों की नींव में बैठ जाता है, जिससे मकान फट जाते हैं।
व्यापारी नेता प्रवीण गर्ग ने बताया कि मोहल्ले में करीब छह-सात मकानों में दरारें आई हैं, जिससे लोगों में डर व्याप्त है। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, यहां जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते हर साल दर्जनों मकान फट जाते हैं। यह गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में हादसा न हो, इससे इसकी गारंटी नहीं है। जिनके मकान फटे हैं, उन्हें सरकार द्वारा मुआवजा देना चाहिए, जिससे वह अपने मकानों की मरम्मत करवा सकें।
बता दें कि शहर की ऊंचाई पर बसावट वाले मोहल्लों में मकान अक्सर फटते रहते हैं। पुरातत्व विभाग की टीम भी एक बार यहां दौरा कर चुकी है, लेकिन मकान फटने के सभी अलग-अलग कारण मानते हैं। कुछ कहते हैं ऊंचाई वाले हिस्से में नीचे पुरानी इमारते हैं, जिनके बैठने से अक्सर ऐसा होता है। वहीं जब भी मकान फटे हैं, तब पेयजल लाइनों के लीकेज होने की समस्या पाई गई। इससे लोग इसे जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मानते हैं।
शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंचे विभाग के उपमंडल अभियंता रणवीर ¨सह ने बताया कि मोहल्ले के लोग अप्रशिक्षित निजी कर्मचारी से अपने पेयजल के कनेक्शन करवा लेते हैं, जिसके कारण लीकेज रह जाती है और उससे समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्रशिक्षित कर्मचारी से ही पेयजल का कनेक्शन करवाएं। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में लाइनों के कनेक्शनों की जांच करवाकर उनकी लीकेज दूर करवाई जा रही है।