Move to Jagran APP

कागजी खानापूर्ति तक सिमटे महिला सुरक्षा अभियान

जागरण संवाददाता, पलवल स्कूल-कालेजों के बाहर मंडराते दिलफेंक आशिक, शाम ढले पार्को

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Dec 2017 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 07:20 PM (IST)
कागजी खानापूर्ति तक सिमटे महिला सुरक्षा अभियान
कागजी खानापूर्ति तक सिमटे महिला सुरक्षा अभियान

जागरण संवाददाता, पलवल

loksabha election banner

स्कूल-कालेजों के बाहर मंडराते दिलफेंक आशिक, शाम ढले पार्को में जमा होते आवारा किस्म के लोग व बाजारों तथा गलियों में बाइक पर ट्रिपल राइ¨डग कर हुड़दंग करते युवक पुलिस के महिला सुरक्षा के अभियानों के दावों की हवा निकाल रहे है। हाल ही में उकलाना में एक मासूम के साथ हुई दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के बाद पुलिस महानिदेशक बीएस संधु ने एक माह तक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हुए हैं। पुलिस ने भी प्रेस को बयान जारी कर स्कूल कालेजों के बाहर सुरक्षा के लिहाज से विशेष गश्त तथा सुबह स्कूल-कालेज खुलने के समय व दोपहर को छुट्टी के समय महिला कालेज व स्कूलों के बाहर पीसीआर तैनात करने संबंधी दावे किए थे। लेकिन धरातल पर पुलिस के सभी दावे हवा में उड़ते दिखाई दे रहे हैं।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बीएस संधु ने महिला सुरक्षा को लेकर ऑपरेशन दुर्गा के तहत मनचलों पर लगाम कसने के निर्देश दिए गए थे। कहा गया था कि 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक तक पुलिस की टीमें इस पर कार्य करेंगी। जिला पुलिस द्वारा बयान में कहा गया था कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी सघन अभियान चलाया जाएगा। लेकिन जब जिला मुख्यालय पर भी महिला सुरक्षा संबंधी दावे खोखले साबित हो रहे हैं, तो दूर ग्रामीण क्षेत्रों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उधर इससे पहले जिला पुलिस ने पुलिस को सखी-सहेली के रुप में प्रोजेक्ट करते हुए मेरी संगिनी अभियान भी शुरू किया था। 20 अप्रैल को तत्कालीन आईजी हरदीप ¨सह दून की अगुवाई में सरस्वती महिला महाविद्यालय में कार्यक्रम का जोरदार आगाज किया था। कहा गया था कि अभियान के तहत महिलाओं को सुरक्षा संबंधी पांच स्तरीय ट्रे¨नग दी जाएगी। दावा किया गया था हर सप्ताह किसी स्कूल, कालेज या गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। लेकिन यह अभियान केवल राजकीय स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों को दिखाने तक में सीमित होकर रह गया है।

----

बाजार तथा गलियों में ट्रिपल राइ¨डग करते युवक राह चलती बहन-बेटियों पर अश्लील फब्तियां कसते गुजरते हैं। बिना नंबर लिखी मोटरसाइकिलों पर ये युवक मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलते हैं। इनकी मोटरसाइकिलों पर अलग-अलग तरह के हॉर्न लगे होते हैं तथा कई मोटरसाइकिलों से तो पटाखों की आवाजें भी आती हैं। रोके जाने पर झगड़े को उतारू हो जाते हैं।

- मन्नू अरोड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता

------

गलियों में ट्रिपल राइ¨डग करते युवकों से भय का माहौल बनता है। इसके अलावा पार्को के बाहर आवारा तत्व महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाते हैं। पुलिस को इन पर कार्रवाई करनी चाहिए।

- सारिका वधवा, सामाजिक कार्यकर्ता

-----

महिला पुलिस का अभियान लगातार चल रहा है। महिला पुलिस द्वारा स्कूल, कालेजों तथा सार्वजनिक स्थानों पर नियमित गश्त की जा रही है। शाम को बाजारों में भी गश्त कराई जा रही है।

- कमला देवी, महिला थाना प्रभारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.