गायत्री मंत्र के नित्य जाप से सब होता है पवित्र: सविता
मंडकौला स्थित नंददास धाम में महंत मुरारी शरण की अध्यक्षता में चल रही वेदकथा के दौरान शनिवार को यज्ञानुष्ठान किया गया। कथा का वाचन आचार्या सविता शास्त्री व बच्चू ¨सह आर्य द्वारा किया जा रहा है।कथा के चौथे दिन सविता शास्त्री ने कहा कि गायत्री मंत्र के नित्य जाप करने से मन, बुद्धि व आत्मा पवित्र हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम और योगेश्वर श्रीकृष्णचंद्र नित्य मौन रहकर गायत्री मंत्र का जाप किया करते थे।
संवाद सहयोगी, पलवल: मंडकौला स्थित नंददास धाम में महंत मुरारी शरण की अध्यक्षता में चल रही वेदकथा के दौरान शनिवार को यज्ञानुष्ठान किया गया। कथा का वाचन आचार्या सविता शास्त्री व बच्चू ¨सह आर्य द्वारा किया जा रहा है।
कथा के चौथे दिन सविता शास्त्री ने कहा कि गायत्री मंत्र के नित्य जाप करने से मन, बुद्धि व आत्मा पवित्र हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम और योगेश्वर श्रीकृष्णचंद्र नित्य मौन रहकर गायत्री मंत्र का जाप किया करते थे। वेदादि शास्त्रों में गायत्री मंत्र को महिमा मंडित किया गया है। प्रातकालीन सत्र में स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि देवताओं की पूजा करने का सबसे सरल साधन यज्ञ ही है, यज्ञ करने वालों के लोक और परलोक सुधर जाते हैं। उन्होंने बताया कि देवता दो प्रकार के होते हैं जड़ और चेतन। अग्नि जड़ देवताओं में प्रमुख देव है। वायु जड़ देवताओं की सवारी है। बच्चू ¨सह आर्य ने ईश्वर भक्ति से ओतप्रोत भजन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर महाशय सहीराम, महाशय महेंद्र ¨सह, किरोडी डागर, राजपाल दहिया, पं.तुलाराम आर्य, चंदरलाल आर्य, राजदेव नैष्ठिक, बुधराम तेवतिया, पागल बाबा मुख्य रूप से मौजूद थे। महंत मुरारी शरणदास ने बताया कि पांच फरवरी को कथा का समापन होगा और छह फरवरी को 21 कुंडीय यज्ञ आयोजित होगा।