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बिगड़ते ¨लगानुपात के बावजूद पीठ थपथपा रहा स्वास्थ्य विभाग

जिले में बिगड़ते ¨लगानुपात के बाबजूद स्वास्थ्य विभाग खुद अपनी पीठ थपथपा कर अपने मूंह मियां मिठ्ठू वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। कभी प्रदेश में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने के बाद नीचे के पायदान पर आने के बाद जहां जिले के सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग सोचने को मजबूर हैं, वहीं विभाग के

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 08:15 PM (IST)
बिगड़ते ¨लगानुपात के बावजूद पीठ थपथपा रहा स्वास्थ्य विभाग
बिगड़ते ¨लगानुपात के बावजूद पीठ थपथपा रहा स्वास्थ्य विभाग

फोटो-13

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- 958 से गिरकर 900 आने के बाबजूद स्वतंत्रता दिवस पर कराया सम्मानित

- दैनिक जागरण में समाचार छपने के बाद सात माह में मात्र एक कार्रवाई कर पाया

- पुलिस ने एक ही बार में पकड़ी गर्भपात की 22 किट

जागरण संवाददाता, पलवल

जिले में बिगड़ते ¨लगानुपात के बावजूद स्वास्थ्य विभाग खुद अपनी पीठ थपथपा कर अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। कभी प्रदेश में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने के बाद नीचे के पायदान पर आने के बाद जहां जिले के सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग सोचने को मजबूर हैं, वहीं विभाग के अधिकारी स्वतंत्रता दिवस के अवसर खुद को सम्मानित करवाकर गदगद हो रहे हैं।

पलवल जिला ¨लगानुपात के मामले में प्रदेश में अव्वल रहा है। वर्ष 2107 के अंतिम महीनों में बेटी बचाने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता ने वीडियो कांफ्रें¨सग में प्रशंसा भी की थी। हालांकि रिकार्ड में आंकड़ों की गड़बड़ी करने पर नगर परिषद के एक अधिकारी पर कार्रवाई का चाबुक भी चला था। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की भूमिका को सराहा गया था। लेकिन वर्ष 2018 में बेटी बचाने का अभियान दम तोड़ता दिखा।

बेटी बचाने के अभियान को गति देने के लिए वर्ष 2017 में स्वास्थ्य विभाग ने अवैध गर्भपात केंद्रों, अल्ट्रासाउंड केंद्रों व गर्भपात की किट बेचने वालों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया था। इसमें नौ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए विभिन्न थानों में मामले दर्ज कराए गए थे व आरोपितों को हवालात में भेजा गया था। लेकिन इस वर्ष ¨लगानुपात बिगड़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद सोया रहा। शहर थाना पुलिस द्वारा इसी माह में नशे के दो सौदागरों को गिरफ्तार करने के बाद उनसे बरामद की गई गर्भपात की 22 किट का मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में नजर आया था। 11 अगस्त के अंक में दैनिक जागरण में स्वास्थ्य विभाग पर निशाना साधने के बाद एक स्वास्थ्य विभाग ने मथुरा में एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर कार्रवाई कर खुद को सक्रिय दिखाने के प्रयास किया था। झलकती है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग जिले की गर्भवती महिलाओं की समूची जानकारी अपने पास एकत्र करता है। लिंगानुपात को लेकर विभाग के अधिकारी कितने जागरूक हैं, इसी से सामने आता है कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में गर्भवती होने के बाद जिले में डिलीवरी न कराने वाली 14578 महिलाओं के आंकड़ा सामने आया था। विभाग की रिपोर्ट में सामने आया कि जिले में काफी गांव ऐसे हैं, जहां बेटों के मुकाबले बेटियों की जन्म दर 50 से 60 प्रतिशत तक के बीच ही रह गई है। बिगड़ता ¨लगानुपात वाकई ¨चता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में कार्रवाई करते हुए एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर कार्रवाई की है। विभाग के अधिकारियों को इस पर गंभीर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। बेटी बचाने के अभियान में जागरुकता अभियान भी चलाए जाएंगे।

- डा. मनीराम शर्मा, जिला उपायुक्त


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