गुर्जर प्रतिहार काल की धरोहरों को बचाने का करें प्रयास : तंवर
भाजपा सांसद कंवर ¨सह तंवर ने कहा है कि मिहिरभोज प्रतिहार राजवंश के सबसे महान राजा थे। उन्होंने करीब 49 साल तक राज्य किया था। उन्हें सनातन धर्म रक्षक सम्राट के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मंदिरों व गुर्जर प्रतिहारों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था। उनसे प्रेरणा लेकर समाज के युवाओं को गुर्जर प्रतिहार काल की धरोहरों को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
संवाद सहयोगी, पलवल: भाजपा सांसद कंवर ¨सह तंवर ने कहा है कि मिहिरभोज प्रतिहार राजवंश के सबसे महान राजा थे। उन्होंने करीब 49 साल तक राज किया था। उन्हें सनातन धर्म रक्षक सम्राट के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मंदिरों व गुर्जर प्रतिहारों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था। उनसे प्रेरणा लेकर समाज के युवाओं को गुर्जर प्रतिहार काल की धरोहरों को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
तंवर बुधवार को गांव कुसलीपुर स्थित गुर्जर धर्मशाला में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की जयंती के रूप में मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक सुभाष चौधरी तथा पूर्व इंजीनियर उदयवीर ¨सह भड़ाना थे। इस अवसर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर में 50 युवाओं ने रक्तदान किया।
शिविर से पूर्व हजारों युवाओं द्वारा शोभा यात्रा निकाली गई। यात्रा हुडा सैक्टर दो चौक से शुरू होकर पुराने जीटी रोड से होती हुई कुसलीपुर स्थित गुर्जर भवन में संपन्न हुई। शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत भी किया गया। गुर्जर भवन में पहुंचने पर यात्रा ढोल-नगाड़ों से स्वागत किया गया। शोभा यात्रा में शक्ति म्यूजिक द्वारा गुर्जर इतिहास को लेकर बनाए गए गीतों पर युवाओं ने जमकर नृत्य किया।
इस अवसर पर सुभाष चौधरी ने कहा कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज महान राष्ट्र रक्षक एवं धर्म रक्षक सम्राट थे। उनकी 36 लाख की सेना थी। कार्यक्रम में युवाओं को गुर्जर प्रतिहार वंश द्वारा निर्मित बटेश्वर मंदिरो को बचाने के लिए शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के पदाधिकारी उमेश गुदराना, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फिरे ¨सह पोसवाल, कांग्रेसी नेता नेत्रपाल अधाना, गौरव तंवर कारना, मनोज बैंसला, गुर्जर नेता पवन भड़ाना, यशपाल मावई, सुंदर पहलवान, राजेंद्र हवलदार, प्रमोद मावी, विक्रम पोसवाल, टीटू फागना, योगेश बैंसला, रोहित बैंसला, जो¨गद्र भड़ाना मुख्य रूप से मौजूद थे।