सरकार के पानी की उपलब्धता के दावे को डीसी ने झुठलाया
पलवल : पलवल के जिला उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने रजवाहों की अंतिम टेल (छोर) तक पानी पहुंचाने के सरकार के दावे को झुठलाते हुए कहा है कि पानी की उपलब्धता वाकई ही कम है। उन्होंने कहा कि हम भी चाहते हैं कि किसानों को ¨सचाई के पानी के लिए परेशानी न हो, लेकिन यह भी तो तय हो कि आखिर पानी आए कहां से। उन्होंने कहा कि मैं तो पहले उच्चाधिकारियों के समक्ष हाथ खड़े कर चुका हूं, अब आपके सामने भी टेल तक पानी पहुंचाने में असमर्थता जता रहा हूं। यह बात डीसी डा. मनीराम शर्मा ने सरकार की उपल्बधियां बताते हुए कहीं।
जागरण संवाददाता, पलवल: जिला उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने रजवाहों की अंतिम टेल (छोर) तक पानी पहुंचाने के सरकार के दावे को झुठलाते हुए कहा है कि पानी की उपलब्धता वाकई ही कम है। उन्होंने कहा कि हम भी चाहते हैं कि किसानों को ¨सचाई के पानी के लिए परेशानी न हो, लेकिन यह भी तो तय हो कि आखिर पानी आए कहां से। उन्होंने कहा कि मैं तो पहले उच्चाधिकारियों के समक्ष हाथ खड़े कर चुका हूं, अब आपके सामने भी टेल तक पानी पहुंचाने में असमर्थता जता रहा हूं। यह बात डीसी डॉ. मनीराम शर्मा ने सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहीं।
डीसी डा. शर्मा ने कहा कि रजवाहों में पानी पहुंचाने का मामला जिला स्तर पर नहीं निपटाया जा सकता। यह मामला उच्च स्तर का है, क्योंकि आगरा नहर से जिले के रजवाहों में पानी पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी, उसके बाद ही पानी रजवाहों में पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह मामला हरियाणा व उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिवों के हाथ का है। रजवाहों की सफाई करने व मरम्मत कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अनुमति नहीं दे रही है। जब तक वहां से अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक सफाई नहीं हो पाएगी और सफाई न होने पर पानी रजवाहों में नहीं जा सकता। इस बाबत मुख्य सचिव पर कई बातचीत हो चुकी हैं। जिला स्तर पर यह मामला नहीं निपट सकता।
बता दें कि जिले में अधिकांश कृषि क्षेत्र ¨सचाई के लिए रजवाहों व नहरों पर निर्भर है। क्योंकि जिले में अधिकांश स्थानों पर पानी खारा है। इस कारण खेतों में फसलों की ¨सचाई के लिए रजवाहों के पानी व बरसात पर निर्भर रहना पड़ता है। पिछले 10 सालों से जिले के रजवाहों में पानी आया ही नहीं है। जिस कारण किसानों को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस बार भी किसानों की कपास की फसल रजवाहों में पानी न आने के कारण सूख रही है। नहरी पानी पर टिकी है ¨सचाई व्यवस्था
ओखला बैराज से निकाली गई आगरा नहर तथा इसके रजवाहों से हसनपुर, हथीन व होडल खंडों की करीब हजारो हेक्टेयर भूमि की ¨सचाई होती है। इस नहर से सेलोटी, दीघोट, जनौली, अलावलपुर, पलवल, भंगूरी, होडल, हथीन, हसनपुर, होशंगाबाद रजवाहे निकलते हैं, जो जिले के खेतों को सींचते है। किसानों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षो में रजवाहों में नाम मात्र का पानी छोड़ा गया। पिछले कुछ माह से तो रजवाहों में पानी ही नहीं आया है। अब फसलों में पानी लगाने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। बिजली के कटों से भी फसलों की सिचाई पर असर पडता है।