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राजनीति की पाठशाला बनते रहे हैं कॉलेज

प्रदेश सरकार ने करीब 20 वर्ष बाद फिर से छात्र संघ के चुनावों को कराने को हरी झंड़ी दे दी है। प्रदेश के सभी छात्र संगठन लंबे समय से छात्र संघ के चुनाव कराने की मांग कर रहे थे तथा सभी राजनीतिक दल भी अपने चुनाव घोषणा पत्र में छात्र संघ के चुनाव कराने का वायदा करते रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 05:58 PM (IST)
राजनीति की पाठशाला बनते रहे हैं कॉलेज
राजनीति की पाठशाला बनते रहे हैं कॉलेज

- कॉलेज में छात्र नेता रहे, अब राजनीति में फहरा रहे हैं परचम

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संजय मग्गू, पलवल

प्रदेश सरकार ने करीब 20 वर्ष बाद फिर से छात्र संघ के चुनावों को कराने को हरी झंडी दे दी है। प्रदेश के सभी छात्र संगठन लंबे समय से छात्र संघ के चुनाव कराने की मांग कर रहे थे तथा सभी राजनीतिक दल भी अपने चुनाव घोषणा पत्र में छात्र संघ के चुनाव कराने का वायदा करते रहे हैं। पिछले काफी समय से एबीवीपी, इनसो, एनएसयूआइ व युवा आगाज छात्र संघ के चुनाव कराने के लिए आंदोलन करते रहे हैं।

जिले में छात्र संघ की राजनीति करने वाले कई नेता इस समय प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं। इनमें प्रमुख रूप से पलवल से कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल गुरुग्राम के राजकीय द्रोणाचार्य कालेज के छात्र संघ के प्रधान रहे हैं। पांच बार विधायक बन चुके दलाल छात्र राजनीति को हवा देते रहे हैं हालांकि छात्र संघ के चुनावों पर रोक भी चौधरी बंसीलाल की सरकार में लगी थी, जिसमें कि दलाल भी केबिनेट में शामिल थे।

पलवल से विधायक रहे व कई बार चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष कत्याल भी छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1968 में पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र संकाय में उपाध्यक्ष का चुनाव जीतकर राजनीति की शुरुआत की थी।

हथीन से इनेलो विधायक केहर ¨सह होडल में 1991 से 1993 लगातार दो बार राजकीय कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं तथा उसके बाद गांव के सरपंच व जिला परिषद के सदस्य चुने जाने के बाद आजकल विधायक हैं। प्रदेश सरकार घोषणाएं तो करती है, लेकिन उनमें से अधिकांश अधर में ही रह जाती हैं। फिर भी मैं तो यही कहूंगा कि सरकार का छात्र संघ के चुनाव कराने का फैसला ठीक है बशर्ते चुनाव निष्पक्ष हों।

- करण ¨सह दलाल, कांग्रेस विधायक पलवल छात्र संघ के चुनाव राजनीति का ककहरा सीखने की पाठशाला हैं। इनेलो के छात्र संगठन इनसो ने छात्र संघ चुनाव की बहाली का बीड़ा उठाया हुआ था, जिसके बाद सरकार ने चुनाव कराने की घोषणा की है। मैं इसे राजनीति के लिए शुभ संकेत मानता हूं।

- केहर ¨सह रावत, इनेलो विधायक, हथीन प्रदेश सरकार का अच्छा फैसला है। छात्र संघ के चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी समझी जाती है। लंबे समय से सरकारों ने इन चुनावों पर रोक लगाई हुई थी, लेकिन भाजपा ने अपने चुनावी वायदे के अनुरूप छात्र संघ के चुनाव कराने की घोषणा की है। छात्र नेता सोहार्दपूर्वक माहौल में अपनी जिम्मेदारी निभाने की तैयारी करें।

- सुभाष कत्याल, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता


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