Move to Jagran APP

सरकारी नीतियों के विरोध में अध्यापकों ने लगाए काले बिल्ले

पलवल : एसडी कालेज के शैक्षणिक स्टॉफ ने मंगलवार को हरियाणा सरकार के वेतन निर्धारण संबंधी नोटिफिकेशन को अध्यापक विरोधी करार देते हुए काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया। कालेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ राजबीर ¨सह ने बताया कि सरकार ने अध्यापको के आर्थिक हितों पर कुठाराघात किया है। जिन लोगों को एमफिल और पीएचडी की वेतन बढ़ौतरी बेसिक सेलरी में जुडकर तथा डीए के साथ मिल रही थी अब उन्हें ये बेसिक सैलरी के साथ जुडकर नहीं मिलेगी

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 04:39 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 04:39 PM (IST)
सरकारी नीतियों के विरोध में अध्यापकों ने लगाए काले बिल्ले

- वेतन निर्धारण संबंधी नोटिफिकेशन का जताया विरोध

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, पलवल : एसडी कॉलेज के शैक्षणिक स्टॉफ ने मंगलवार को हरियाणा सरकार के वेतन निर्धारण संबंधी नोटिफिकेशन को अध्यापक विरोधी करार देते हुए काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया। कालेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजबीर ¨सह ने बताया कि सरकार ने अध्यापकों के आर्थिक हितों पर कुठाराघात किया है। जिन लोगों को एमफिल और पीएचडी की वेतन बढ़ोतरी बेसिक सेलरी में जुड़कर तथा डीए के साथ मिल रही थी, अब उन्हें ये बेसिक सैलरी के साथ जुड़कर नहीं मिलेगी और न ही डीए मिलेगा।

अध्यापक नेताओं ने कहा कि जो लोग एक जनवरी 2016 को या इसके बाद नौकरी लगे है,ं उन्हें एम फिल और पीएचडी की वेतनवृद्धि से बिल्कुल वंचित कर दिया गया है। इतना ही नहीं मल्टिप्लायर जो कि 2.67 निर्धारित किया गया था, उसे भी घटाकर 2.57 कर दिया गया है। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान नए वेतनभोगियों को हुआ है। जो लोग अभी एसोसिएट प्रोफेसर नहीं बने हैं, उन्हें भी भारी नुक्सान पहुंचा है।

डा. राजबीर सिंह ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन वृद्धि न के बराबर है जबकि महंगाई कई गुणा बढ गई है। सरकार ने अध्यापकों के साथ भद्दा मजाक किया है तथा सरकार के इस अमानवीय कदम से सामाजिक असुरक्षा की समस्या बढ़ेगी। सरकार के इस तानाशाही फरमान का पुरजोर विरोध तब तक किया जाएगा, जब तक सरकार इस अध्यापक विरोधी फरमान को वापस नहीं ले लेती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.