पलवल की आबोहवा खराब, पीएम-10 खतरे के पार
एनसीआर के प्रदूषित शहरों में अब पलवल भी शुमार होने लगा है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा व गाजियाबाद की तरह पलवल में भी हवा की गुणवत्ता का स्तर अत्यंत खराब है। यहां हवा की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए लगाई गई मशीन प्रदूषण का स्तर खतरे ऊपर बता रही है। इससे पहले पलवल में प्रदूषण का पैमाना तय करने की मशीन नहीं थी। वायु गुणवत्ता जांच मशीन से मिल रही पल-पल की रिपोर्ट के अनुसार यहां पीएम-10 का स्तर 240 के पार है।
प्रवीण बैंसला, पलवल
एनसीआर के प्रदूषित शहरों में अब पलवल भी शुमार होने लगा है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा व गाजियाबाद की तरह पलवल में भी हवा की गुणवत्ता का स्तर अत्यंत खराब है। यहां हवा की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए लगाई गई मशीन प्रदूषण का स्तर खतरे से ऊपर बता रही है। इससे पहले पलवल में प्रदूषण का पैमाना तय करने की मशीन नहीं थी। वायु गुणवत्ता जांच मशीन से मिल रही पल-पल की रिपोर्ट के अनुसार यहां पीएम-10 का स्तर 240 के पार है।
पलवल जिला में हवा की गुणवत्ता तय करने का पैमाना अब ऑनलाइन हो गया है। इसके लिए लघु सचिवालय में वायु गुणवत्ता जांच मशीन लगा दी गई है। मशीन पीएम-2.5, पीएम-10, सल्फर डाइ ऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोक्साइड, बेंजीन, नाइट्रेट ऑक्साइड के स्तर के पल-पल की रिपोर्ट देने लगी है।
पिछले दो दिन के मुकाबले हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी सांस लेने के लिए उपयुक्त नहीं है। शनिवार सुबह का पीएम-10 का स्तर 240 रहा, जबकि पीएम-2.5 का स्तर 140 के पार रहा। इसके अलावा हवा में सल्फरडाइ ऑक्साइड की मात्रा 8.25, ओजोन की मात्रा 6.45, कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा 1.13, बेंजीन की मात्रा 6.70 तथा नाइट्रेट ऑक्साइड की मात्रा 8.84 रही। वहीं 12 नवंबर को पीएम-10 का स्तर 394, पीएम-2.5 का स्तर 204, 13 नवंबर को पीएम-10 का स्तर 373, पीएम-2.5 का स्तर 199, 14 नवंबर को पीएम-10 का स्तर 307, पीएम-2.5 का स्तर 172 रहा। 14 नवंबर की शाम को हुई हल्की बूंदाबांदी और हवा के चलते प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन अभी भी यह स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। स्वास्थ्य के लिए हवा की बेहतर गुणवत्ता के लिए पीएम 2.5 का स्तर 50-60 और सामान्य स्तर 50-100 तक होना चाहिए। पलवल में इससे पहले वायु गुणवत्ता स्तर की जांच के सैंपल लेकर फरीदाबाद भेजा जाता था। वहां से रिपोर्ट आने में कई दिन लग जाते थे। जिससे यहां की वायु गुणवत्ता के स्तर का पता नहीं चल पाता था। लेकिन अब मशीन लगाए जाने से हर 10 सेकेंड बाद वायु गुणवत्ता के स्तर का पता चलता रहेगा। इसके साथ-साथ ओजोन, सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रेट आक्साइड व बेंजीन के स्तर का भी पता चल जाएगा।
- अरुण प्रताप, सीनियर इंजीनियर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पलवल