कृषि: पर्याप्त वर्षा का असर पड़ने लगा फसलों पर
पर्याप्त वर्षा के कारण हथीन क्षेत्र में खरीफ की फसलें सूखने लगी है, जिससे किसान ¨चतित होने लगे हैं। न तो क्षेत्र में पूर्ण रूप से बारिश हुई है न ही रजवाहों में ¨सचाई के लिए पानी मिल रहा है। खासकर हथीन क्षेत्र के दक्षिण व पश्चिम की साइड के गांवों में बारिश की कमी का दंश किसानों को झेलना पड़ रहा है।
- खरीफ की फसल बगैर पानी के सूखने के कगार पर
संवाद सहयोगी, हथीन : पर्याप्त वर्षा के कारण हथीन क्षेत्र में खरीफ की फसलें सूखने लगी है, जिससे किसान ¨चतित होने लगे हैं। न तो क्षेत्र में पूर्ण रूप से बारिश हुई है न ही रजवाहों में ¨सचाई के लिए पानी मिल रहा है। खासकर हथीन क्षेत्र के दक्षिण व पश्चिम की साइड के गांवों में बारिश की कमी का दंश किसानों को झेलना पड़ रहा है।
क्षेत्र के गांव उटावड, कोट, बहीन, पावसर, खाइका, मीठाका, खिल्लुका, गोहपुर, पचानका, मालूका, हुंचपुरी, रुपडाका, ढकलपुर, मलाई, जलालपुर, भीमसीका, बाबूपुर, मनकाकी व आस पास के गांवों में बारिश की कमी रही है। कम बारिश के कारण ज्वार, बाजरे, धान व कपास की खेती प्रभावित हो रही है।
किसानों का कहना कि खेतों में बारिश की कमी के कारण ज्वार की फसल में कीट लगने लगे हैं। ज्वार की फसल बगैर पानी के सूखने के कगार है पर है। अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो जाएगा। हालांकि अभी बरसात का मौसम चल रहा है। लेकिन, इस बार क्षेत्र के दक्षिण व पश्चिम पड़ने वाले गांवों की हालत बगैर बारिश के ज्यादा ठीक नहीं हैं। दूसरे क्षेत्रों में बारिश हो रही है। लेकिन अपने आस पास के गांवों में बारिश की विशेष कमी रही है। इसका प्रभाव किसानों पर पड़ने लगा है। इसी कारण उन्हें आगामी फसल की ¨चता है।
-हमीदा, किसान कई एकड़ फसल में ज्वार बोई हुई है लेकिन बारिश की कमी के चलते अब इसमें ग्रासहोपर (टिड्डे) लगने लगे हैं। ज्वार सूखने भी लगी है। नहरों में भी पानी नहीं हैं।
- फारूक, किसान शुरुआत में अच्छी बारिश थी। बाद में बारिश में आई कमी के कारण फसलें प्रभावित होने लगी है। अगर पानी की कमी ऐसे ही रही तो पशुओं के चारे का संकट पैदा हो जाएगा।
- जस्सू, किसान