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जब कार्यकारी अभियंता को किया बैठक से बाहर

जिला उपायुक्त डा.मनीराम शर्मा ने बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में बिजली विभाग के एक कार्यकारी अभियंता एसएस राणा को उस समय बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया, जब वह एलइडी लाइटों के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाए। राणा होडल में इस पद पर नियुक्त हैं। उपायुक्त ने पूछा था कि एलइडी लाइटों को गारंटी पीरियड़ होने के बाबजूद भी क्यों नहीं बदला जा रहा है। लोग परेशान हैं तथा वे बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं। गारंटी तीन वर्ष की दी गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 06:51 PM (IST)
जब कार्यकारी अभियंता को किया बैठक से बाहर
जब कार्यकारी अभियंता को किया बैठक से बाहर

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संवाद सहयोगी, पलवल : जिला उपायुक्त डॉ.मनीराम शर्मा ने बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में बिजली विभाग के एक कार्यकारी अभियंता एसएस राणा को उस समय बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया, जब वह एलइडी लाइटों के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाए। राणा होडल में इस पद पर नियुक्त हैं।

उपायुक्त ने पूछा था कि एलइडी लाइटों को गारंटी पीरियड होने के बावजूद क्यों नहीं बदला जा रहा है। लोग परेशान हैं तथा वे बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं। गारंटी तीन वर्ष की दी गई थी। राणा का कहना था कि सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही है। कंपनी वालों को बुलाया जाएगा। कोई रिकार्ड भी इस आशय का नहीं है। नाराज उपायुक्त ने राणा को बैठक से बाहर जाने व इस बारे में बाद में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।

बाद में एक सरकारी प्रेस नोट में बताया गया कि जिले में जो एलईडी बल्ब बेचे गए हैं, वे केंद्र सरकार द्वारा चयनित निखिल कमांड कंसल्टेंसी की ओर से वितरित किए गए थे। इस फर्म के कर्मचारियों को एलईडी बल्ब वितरित करने के लिए निगम के उपमंडल अधिकारी व कार्यकारी अभियंता कार्यालय में जगह दी गई थी। अगर किसी व्यक्ति को इन बल्बों को बदलवाना है या नया खरीदना है तो वह निगम के कार्यालयों में बैठे फर्म के कर्मचारियों से संपर्क कर सकता है। ली अधिकारियों की बैठक

वहीं बाद में प्रशासन के अधिकारियों की मासिक बैठक में उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड व नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर कोई फर्म निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता का ध्यान नहीं दे रही है तो ऐसी फर्म का भुगतान न किया जाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता के प्रति अधिक से अधिक ध्यान दिया जाए। नगर परिषद व नगर पालिका के अधिकारी ठोस व तरल कचरे का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर पीने के पानी के सैंपल लें तथा पानी के अवैध कनेक्शनों को वैध कराएं व बारिश के मौसम के मद्देनजर सीवरों की साफ-सफाई सुनिश्चित करें।

उन्होंने वन विभाग व बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पौधे लगाने के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। उन्होंने पंचायत विभाग, नगर परिषद व नगर पालिका व वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक स्थलों के रूप में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण न होंने दें।

उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने कार्यालयों के पालीथिन मुक्त होने के प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें। जांच के दौरान जिस भी कार्यालय में पालीथिन या डिस्पोजल सामग्री पाई जाएगी, उस विभाग को 1100 रुपये की नकद राशि रेडक्रास सोसायटी में जमा करानी होगी।


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