Move to Jagran APP

haryana Panchayat Chunav: हथीन गांव में बराबर वोट मिलने पर सिक्का उछाल कर हुआ था सरपंच का चयन

गांवों की सरकार चुनने में बड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में जीत हार का अंतर बेहद कम रहता है। प्रत्याशियों को ऐसे मौके पर मिली हार लंबे अरसे तक सालती है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Wed, 02 Nov 2022 04:16 PM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2022 04:16 PM (IST)
समान वोट मिलने पर पंचायत चुनाव में सिक्का उछाल कर किया सरपंच का चयन

पलवल, हथीन, मोहम्मद हारून ।  गांवों की सरकार चुनने में बड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में जीत हार का अंतर बेहद कम रहता है। प्रत्याशियों को ऐसे मौके पर मिली हार लंबे अरसे तक सालती है। 2010 पंचायत चुनावों में गांव मोहदमका में भी ऐसा ही हुआ। यहां पर चुनाव लड़ रहे मतदाताओं ने सरपंच पद के चुनाव लड़ रहे इसराइल व आस मोहम्मद को बराबरी पर लाकर रोक दिया।

loksabha election banner

दोनो ने 309-309 मत प्राप्त किये 

सरपंच पद के चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवारों ने बराबर 309-309 मत प्राप्त किए। 12 साल पहले हुआ यह मुकाबला आज भी लोगों के जहन में है। बाद मेंतत्कालीन पीठासीन अधिकारी ने दोनों उम्मीदवारों की रजामंदी के बाद गणना केंद्र पर सिक्का उछालकर जीत हार का फैसला किया। सिक्का उछालकर किए टास में सरपंची आस मोहम्मद के पक्ष में गई और वह पूरे पांच साल सरपंच रहे।

2010 में भी हुआ था ऐसा

16 जून 2010 को भीषण गर्मी थी। खंड की उस वक्त 67 पंचायतों के सरपंच पद के लिए चुनाव हो रहा था। गांव में उस समय 850 के करीब मत थे। कई सालों से इसराइल उर्फ धापा व आस मोहम्मद का सरपंच पद का आमना सामना होता रहा है। हालांकि इस चुनाव में एक तीसरा उम्मीदवार और भी मैदान में खड़ा था। लेकिन मुख्य मुकाबला इसराइल व आस मोहम्मद में ही था। गांव में चुनाव के दौरान 850 में से 778 मत डाले गए थे। सांय को चुनाव के पश्चात गांव के स्कूल में मतगणना केंद्र पर पीठासीन अधिकारी की तरफ से मतों की गिनती की गई। किसी को भी नहीं पता था कि जिन दोनों उम्मीदवारों की कड़ी टक्कर थी उनकी वोट बराबर होंगी।

पीठासीन अधिकारी ने सिक्का उछालकर टास पर राजी किया गया

मतगणना के बाद इसराइल उर्फ धापा तथा आस मोहम्मद को बराबर 309-309 मत प्राप्त हुए। तीसरे उम्मीदवारों को 160 मत प्राप्त हुए। दोनों उम्मीदवारों के बराबर वोट मिलने पर दानों पक्षों में जीत के नारे गूंजने लगे। लेकिन पीठासीन अधिकारी ने रिजल्ट घोषित नहीं किया। नियम के अनुसार दोनों पक्षों को सिक्का उछालकर टास पर राजी किया गया। प्रक्रिया पूरी करने के बाद सिक्के से जीत आस मोहम्मद की हुई। पीठासीन अधिकारी ने आस मोहम्मद को विजेता घोषित कर दिया। लेकिन इसराइल इस हार से मायूस हो गए। उन्हें यह हार आज भी याद है। हालांकि 2016 के चुनाव में उसकी पुत्रवधू को गांव की फिर से कमान मिल गई।

दोनों परिवार फिर है आमने सामने

इसराईल उर्फ धापा ने बताया कि गांव की सरदारी ज्यादातर इन दोनों परिवारों में रही है। दोनों परिवार छह बार आमने सामने चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें चार बार इसराइल के परिवार का सरपंच पद पर कब्जा रहा है, जबकि दो बार आस मोहम्मद के परिवार का इस पद कब्जा रहा। हालांकि इस बार गांव में फिलहाल चार उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला फिर से इन दोनों परिवारों के बीच ही बताया जा रहा है। 2010 में उम्मीद नहीं थी कि इस तरह वोट दोनों के बराबर होंगे। उस वक्त अगर एक वोट मुझे मिल जाता तो टास की जरूरत नहीं पड़ती।

मोहदमका के पूर्व सरपंच आस मोहम्मद ने कउस वक्त किन्हीं कारणों से मेरी कई वोट कास्ट होने से रह गई थी। जिस कारण मामला टास तक पहुंचा। ऊपर वाले की मेहरबानी से टास में जीता।

यह भी पढ़ें - Nuh Mewat Election: चुनाव प्रचार के दौरान सरपंच समर्थकों में फायरिंग, प्रशासन की बूथों पर कड़ी नजर

यह भी पढ़ें - Mewat News: मतदान से पहले मेवात के गांव में दो पक्षों में फायरिंग और पथराव, तनाव के बाद पुलिस तैनात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.