एसीई कंपनी से निष्कासित कर्मचारी डीसी से मिले
पिछले कई वर्षो से राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त लोगों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने वाली एसीई कंपनी की एंबुलेंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने कंपनी से निकाले जाने का आरोप लगाया है।
संवाद सहयोगी, पलवल : पिछले कई वर्षो से राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त लोगों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने वाली एसीई कंपनी की एंबुलेंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने कंपनी से निकाले जाने का आरोप लगाया है। इस बावत कर्मचारियों ने उपायुक्त को लिखित शिकायत भी दी है। बताया कि नौकरी से निकाले जाने के चलते उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
उपायुक्त को दी शिकायत में कर्मियों का कहना है कि दूधौला स्थित एसीई कंपनी द्वारा वर्ष 2013 से एक ट्रस्ट चलाया जा रहा था। इसकी आठ आपातकालीन नि:शुल्क एंबुलेंस द्वारा पलवल व फरीदाबाद के राजमार्ग पर घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता था। कंपनी के कर्मचारियों की तत्परता से अब तक दोनों जिलों के हजारों गरीब परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। शिकायत में कहा गया है कि 25 मार्च को लॉकडाउन होने पर एंबुलेंसों को कंपनी में खड़ा कर दिया व टोल फ्री नंबर को बंद कर दिया गया। इसके बाद 23 अप्रैल को कर्मचारियों को दोबारा कंपनी में बुलाया गया व गाड़ियों पर स्प्रे, सैनिटाइज करवाकर थर्मल स्क्रीनिग कराई गई। इस दौरान तनख्वाह का 20 फीसद काटकर दिया गया, जिसे कर्मचारियों ने स्वीकार किया। अब 21 मई को सभी को काम पर न आने का नोटिस दिया गया है। जिससे सभी 50 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने किसी भी कर्मचारी को इस विषम परिस्थिति में नौकरी से नहीं निकालने के आदेश दिया था। इस अवसर पर अनिल, तेजवीर, किशन सिंह, ईश्वर सहित अनेक कर्मचारी मौजूद थे। वहीं कंपनी प्रबंधन ने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।