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सरपंच करेंगे बाबूगिरी, वेरिफिकेशन तक रहेंगे सीमित

पंचायती सरकारों के काउंटडाउन के बीच में ही रुकने के बाद पंचायतों के सभी अधिकार खंड व जिला पंचायत व विकास अधिकारियों के पास रहेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 08:46 PM (IST)
सरपंच करेंगे बाबूगिरी, वेरिफिकेशन तक रहेंगे सीमित
सरपंच करेंगे बाबूगिरी, वेरिफिकेशन तक रहेंगे सीमित

संजय मग्गू, पलवल

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पंचायती सरकारों के काउंटडाउन के बीच में ही रुकने के बाद पंचायतों के सभी अधिकार खंड व जिला पंचायत व विकास अधिकारियों के पास रहेंगे। ग्राम सचिव के माध्यम से कार्य कराए जाएंगे और निवर्तमान सरपंच शक्ति विहीन रहेंगे। सरपंचों को न तो कोई योजना बनाने की ताकत होगी और न ही वह किसी प्रकार के भुगतान के लिए चेक पर दस्तखत कर पाएंगे। सरकारी आदेश के बाद निवर्तमान हो गए सरपंचों की चौधर बाबूगिरी तक सीमित रहेगी। अब वह अपने गांव के लोगों की विभिन्न प्रकार के कागजी सत्यापन (वैरिफिकेशन) तक सीमित रह जाएंगे।

बता दें कि गांव पंचायतों को कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो गया था और लंबे समय से पंचायती सरदार बनने के इच्छुक लोग इसकी तैयारी कर रहे थे। तकनीकी कारणों व किसान आंदोलन के चलते चुनाव लंबित हो गया तो सरकार ने पंचायतों का कार्यभार जिला व खंड पंचायत विकास अधिकारियों को सौंप दिया। हालांकि सरपंच एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय का दरवाजे पर भी दस्तक दी थी, लेकिन वहां भी उनकी बात नहीं बनी। बाक्स : पंचायत का बस्ता न सौंपने वालों पर होगी कार्रवाई :

पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही खंड व जिला पंचायत अधिकारी को दायित्व सौंपने के साथ-साथ सरपंचों को रिकार्ड सौंपने के आदेश दिए थे। इसमें पंचायतों के बैंक अकाउंट के कागजात, चेक बुक, पट्टा रजिस्टर, पंचायत भवन का सामान ग्राम सचिवों को सौंपा जाना है। हरियाणा सरकार द्वारा जारी आदेशों के तहत अभी तक करीब 25 फीसद सरपंचों ने ही रिकार्ड सौंपा है। इसका एक उदाहरण भर है कि हथीन खंड की 76 पंचायतों में से मात्र 16 सरपंचों ने रिकार्ड प्रशासक को सौंपा है। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अमित कुमार के अनुसार बुधवार शाम तक केवल मालूका, रूपडाका, मानपुर, जरारी, कुमहरेडा, घुडावली, खिल्लूका, टोंका, पूठली, रीबड़, स्यरोली, मंडोरी, कानोली, कुकरचाटी, गोहपुर और भूडपुर के सरपंचों ने ही अपनी पंचायत का रिकार्ड जमा करवाया है। बाक्स : जिले में बनी दो नई पंचायतें, दो को नहीं मिली मंजूरी:

पंचायती चुनावों की आहट के साथ ही सरकार ने प्रदेश में 106 नई पंचायतों के गठन को मंजूरी दी है। जिले के खंड पृथला के गांव कटेसरा से कुरारा शाहपुर और होडल खंड के गांव गुलावद से मोहम्मदपुर की नई पंचायतों का गठन किया गया है। वहीं, लंबे समय से चली आ रही ग्राम पंचायत बिघावली से अकबरपुर नाटौल और जनाचौली से आलूका गांव को अलग करने की मांग पूरी नहीं हो पाई है। इसके चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। सरकार के आदेशों पर पंचायत के सभी दस्तावेज व रिकार्ड प्रशासन को जमा करा दिए हैं। जब तक चुनाव नहीं हो जाते हैं तब तक गांव का विकास रुकना नहीं चाहिए।

- मोहम्मद हुसैन, निवर्तमान सरपंच रूपडाका सरकार और विभाग को प्रशासक की समय अवधि में ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। जिससे ग्रामीण परेशान न हों।

- राजविद्र कौर, निवर्तमान सरपंच घुडावली यह तो ठीक है कि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन फिर भी जन हित के कार्यों में लगे रहेंगे। विकास कार्य अवरुद्ध न हों, इसके लिए अधिकारियों के भी संपर्क में रहेंगे।

- गीता सौरोत, सरपंच जनाचौली जिन सरपंचों ने रिकार्ड जमा नहीं कराया है उन्हें पुन: सूचना दे दी गई है। यदि फिर भी वे रिकार्ड जमा नहीं करवाते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- अमित कुमार, बीडीपीओ


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