बंचारी लोक कला पर आइटीआइ में शुरू होगा कोर्स
हरियाणा कौशल विश्वविद्यालय लोक कला संगीत के संरक्षण के लिए कोर्स शुरू करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए जिले के बंचारी लोक कला को प्रोत्साहित करने के लिए दो साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ने कोर्स को संचालित करने के लिए दो कमरे देने को भी मंजूरी दे दी है। आइटीआइ में कोर्स के शुरू होने से जिले के लोक कलाकारों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
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जागरण विशेष
- आइटीआइ ने कोर्स शुरू करने के लिए उपयुक्त स्थान होने को दी मंजूरी
- लोक कलाकारों को आगे बढ़ने का मिलेगा मौका
सुरेंद्र चौहान, पलवल
हरियाणा कौशल विश्वविद्यालय दुधौला ने लोक कला संगीत के संरक्षण के लिए कोर्स शुरू करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए जिले के बंचारी की लोक कला को प्रोत्साहित करने के लिए दो साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ने कोर्स को संचालित करने के लिए दो कमरे देने को भी मंजूरी दे दी है। आइटीआइ में कोर्स शुरू होने से जिले के लोक कलाकारों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
जिले का ग्रामीण क्षेत्र ब्रज से जुड़ा हुआ है। यहां की संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान ब्रज का ही है। जिले के बड़े-बड़े गांवों में नगाड़ा पार्टियां हैं। ये पार्टियां नगाड़े की थाप पर सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष करने वाली चौपाइयों के अलावा अन्य लोकगीतों पर नृत्य प्रस्तुत करती हैं। इनमें अश्लीलता को कोई स्थान नहीं होता है। मित्रोल के प्रसिद्ध कवि स्व.रतन ¨सह ने चौपाइयों पर कई पुस्तकें लिखी, जिसके बाद से इन पार्टियों की लोकप्रियता और बढ़ती चली गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ चुकी हैं नगाड़ा पार्टियां
नगाड़ा पार्टी बड़े नगाड़े के साथ चिपटा, झांझ, मजीरा आदि का इस्तेमाल करती हैं। होली पर्व के दौरान करीब एक माह तक जिले के गांवों में इन पार्टियों का जलवा रहता है। दीघोट, औरंगाबाद, मित्रोल, जोहरखेड़ा, स्यारौली जैसे बड़े गांवों की पार्टियां काफी प्रसिद्ध हैं। शादी-विवाह, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नगाड़ा पार्टियों को आमंत्रित किया जाता है। इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बंचारी की नगाड़ा पार्टी तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ चुकी है। सूरजकुंड में लगने वाले हस्तशिल्प मेले में भी पार्टी बहुत लोकप्रिय हो चुकी है। आइटीआइ ने दी मंजूरी
कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा कौशल विश्वविद्यालय की मांग पर चार सितंबर को आइटीआइ पलवल के प्रधानाचार्य को संस्थान भवन में लोक कला बंचारी पर डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने के लिए पत्र लिखा था और इसी सत्र से कोर्स को शुरू करने के लिए मौजूदा स्थान व कमरों की स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। संस्थान ने सात सितंबर को पत्र मिलते ही विभाग के उपनिदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि संस्थान में एससी एसपी ¨वग का नया भवन बना है, जिसमें दो कमरे इसके लिए उपलब्ध हैं। कोर्स पूरा होने पर विद्यार्थियों को डिप्लोमा हरियाणा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया जाएगा। विभाग द्वारा लोक कला बंचारी पर कोर्स शुरू करने के लिए उपलब्ध जगह का ब्यौरा मांगा था। हमारे पास इसके लिए पर्याप्त स्थान हैं। उम्मीद है कि विभाग इसी सत्र से कोर्स को शुरू कर देगा। इससे लोक कला के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
- भगत ¨सह, प्रधानाचार्य, आइटीआइ पलवल