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नकद नारायण के आगे जमींदोज हो रहे एनजीटी व आधिकारिक आदेश

अरावली पर्वतमाला में हो अवैध खनन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पूरी तरह से रोक लगा रखी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:36 AM (IST)
नकद नारायण के आगे जमींदोज हो रहे एनजीटी व आधिकारिक आदेश
नकद नारायण के आगे जमींदोज हो रहे एनजीटी व आधिकारिक आदेश

संजय मग्गू, पलवल

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अरावली पर्वतमाला में हो अवैध खनन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पूरी तरह से रोक लगा रखी है। प्रदेश सरकार ने अवैध खनन की शिकायतों को देखते हुए इस पर रोक लगाने के लिए आइपीएस अधिकारी अमिताभ ढिल्लों को खनन विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। पलवल के पुलिस अधीक्षक भी ओवरलोड व अवैध खनन पर पूरी तरह से सख्ती बरते हैं लेकिन नकद नारायण के आगे आदेश जमींदोज हो रहे हैं। खाकी में छिपी काली भेड़ें जहां इन अवैध धंधों को संरक्षण दे रही है तो खनन विभाग भी अवैध खनन की तरफ आंखें मूंदे हुए हैं।

जिले के उटावड थाने से करीब 10 किलोमीटर की दूरी से ही नूंह जिला क्षेत्र में अरावली पर्वत से अवैध रूप से खनन करके रोजाना सैंकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से क्षेत्र में बे-रोक-टोक पत्थर व खनिज सप्लाई किया जा रहा है। नूंह जिले के गांव देवला-नंगली के क्षेत्र में दिन-रात पोपलाईन पहाड़ों को बींधते रहते हैं तथा मशीनों क् गड़गड़हाट के बीच आदेश हवा में उड़ते रहते हैं।

जेसीबी से भरकर करके ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से पत्थर आपूर्ति करने वाले लोग गांव भपावली होते हुए अलावलपुर से पलवल जिले के गांव मलाई से भीमसीका तथा उसके बाद होडल-नूंह रोड से होते हुए हथीन खंड के गांवों और नूंह जिले के गांवों में अवैध रूप से खनन करके लाए जा रहे पत्थरों एवं खनिजों की आपूर्ति करते है। कुछ हजार की मंथली में हो जाती है सैटिग :

पत्थर की ओवरलोड सप्लाई करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि थानों में प्रत्येक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को निकालने और छोड़ने की एवज में सात से आठ हजार रुपये मंथली के रूप में थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को दिए जाते हैं। जब भी पुलिस इन ट्रैक्टर-ट्रॉली चालकों के खिलाफ छापेमारी करती है तो उनको पहले ही साइड में होने के फोन कर दिया जाता है।

पत्थरों से ओवरलोड भरकर चलने वाले ट्रैक्टर-ट्राली जहां सड़कों को नुक्सान पहुंचाते हैं वहीं दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। गांवों से जब ये तेज गति से गुजरते हैं तो ट्रॉली में से पत्थर बाहर भी गिर जाते हैं तथा सड़क किनारे लोग चोटिल भी हो जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि सबको इसके बारे में पता है, लेकिन सुविधा शुल्क ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ओवरलोड व अवैध खनन पर हमारी पॉलिसी जीरो टालरेंस की है। माइनिग करने वाले वाहनों को जिला पुलिस माइनिग के साथ अटैच कर भारी जुर्माना लगवा रही है। अवैध खनन का यह धंधा नूंह जिले के गांवों में चल रहा है। जागरण के माध्यम से पता चला है कि हथीन एरिया के कुछ गांवों के रास्ते से होकर ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली निकल रहे हैं। इसकी जांच कराई जाएगी, यदि कोई पुलिस कर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- नरेंद्र बिजारनियां, पुलिस अधीक्षक


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