लीड--धान की खरीद शुरू न होने से किसान मायूस
करीब एक सप्ताह से किसान धान की फसल को बेचने के लिए अनाज मंडी में डेरा डाले हुए हैं। एजेंसियों का अभी तक मिल मालिकों से अनुबंध नहीं हो पाया है, जिसके कारण व्यापारी भी धान की खरीद नहीं कर रहे हैं। खरीद न होने से अनाज मंडी में चारों तरफ धान की ढेरियां लगी पड़ी हैं। अब फसल की सुरक्षा को लेकर किसान ¨चतित और खरीद न होने से मायूस नजर आ रहे हैं। प्रशासन के आश्वासन के बाद कुछ किसान मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां विभागीय अधिकारी मौजूद नहीं मिलने के कारण किसानों के मायूसी हाथ लगी।
- मिल मालिकों और एजेंसियों के बीच नहीं हुआ अनुबंध
चंद्रप्रकाश गर्ग, होडल
करीब एक सप्ताह से किसान धान की फसल को बेचने के लिए अनाज मंडी में डेरा डाले हुए हैं। एजेंसियों का अभी तक मिल मालिकों से अनुबंध नहीं हो पाया है, जिसके कारण व्यापारी भी धान की खरीद नहीं कर रहे हैं। खरीद न होने से अनाज मंडी में चारों तरफ धान की ढेरियां लगी पड़ी हैं। अब फसल की सुरक्षा को लेकर किसान ¨चतित और खरीद न होने से मायूस नजर आ रहे हैं। प्रशासन के आश्वासन के बाद कुछ किसान मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां विभागीय अधिकारी मौजूद नहीं मिलने के कारण किसानों के मायूसी हाथ लगी।
दरअसल सरकारी खरीद एजेंसियां केवल मोटे धान की खरीद करती हैं और बासमती व अन्य किस्मों की निजी व्यापारी खरीद करते हैं। जिले में मोटे धान की खेती बहुत कम होती है और वह मंडी में आता भी देरी से आता है, परंतु होडल में मोटा धान भी आने लगा है। मिल मालिक और एजेंसियों के बीच अनुबंध न होने न तो निजी व्यापारी खरीद कर रहे हैं और न ही एजेंसियां खरीद कर पा रही हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
किसान इस उम्मीद मंडी में डेरा जमाए बैठे हैं कि उनके हाथों में फसल का उचित मूल्य मिलेगा, लेकिन खरीद शुरू नहीं हुई। पिछली बार अनाज मंडी में 7 अक्टूबर तक 34,844 क्विंटल धान की फसल ही पहुंची थी जबकि इस बार 68,582 ¨क्वटल धान मंडी में पहुंच चुका है। इसके बावजूद अभी तक एक दाना भी नहीं खरीदा गया है।
मंडी में धान की सरकारी खरीद के लिए प्रशासन द्वारा हरियाणा वेयर हाउस, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और हैफेड एजेंसी को नियुक्त किया गया है, लेकिन एजेंसियों का कोई भी अधिकारी मंडी में नहीं पहुंचा है, जिसके कारण किसानों में मायूसी छाई हुई है। मैं अपनी फसल को बेचने के लिए चार दिनों से अनाज मंडी में पड़ा हूं, लेकिन कोई भी अधिकारी अभी तक खरीद के लिए नहीं पहुंचा है।
- सुरेश पंडित मंडी में सरकारी खरीद की उम्मीद को लेकर मैं दो दिन से आया हुआ हूं। धान की खरीद शुरू नहीं होने के कारण उन्हें फसल की निगरानी करनी पड़ रही है।
- मनोज कुमार धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसान ही नहीं राइल मिलों को भी नुकसान हो रहा है। मंडी में 1 अक्टूबर से खरीद होनी थी, परंतु अभी तक नहीं हुई।
- नरेश कुमार राईस मिल मालिक 8 अक्टूबर से हैफेड खरीद एजेंसी द्वारा धान की फसल खरीद की जानी थी, लेकिन एजेंसियों का राइस मिलर्स के साथ अनुबंध नहीं होने के कारण खरीद शुरू नहीं हो सकी है। अब मंगलवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग एजेंसी द्वारा खरीद शुरू की जाएगी।
- नरवीर ¨सह, कार्यकारी सचिव, मार्केट कमेटी