महिलाओं ने संभाला मोर्चा, ओडिशा के किसानों ने की भूखहड़ताल
कृषि सुधार कानूनों को वापस कराने की जिद के साथ डेढ़ महीने से अधिक से राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन सोमवार को महिलाओं के हवाले रहा।
जागरण संवाददाता, पलवल : कृषि सुधार कानूनों को वापस कराने की जिद के साथ डेढ़ महीने से अधिक से राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन सोमवार को महिलाओं के हवाले रहा। आंदोलन के तहत क्रमिक अनशन के 30वें दिन मंगलवार को ओडिशा के 11 किसानों ने भूखहड़ताल की। 30 वें दिन की भूख हड़ताल में बैठे किसानों में ओडिशा के अजय गौड़ा, सतीश स्वैन, भगवान स्वैन, कृष्ण शाहू, बसंत शाहू, खली स्वैन, पदम, अजीत, जुधिष्ठर, बलराम व कृष्णा साहु शामिल रहे।
धरनास्थल पर सोमवार को महिला किसान दिवस आयोजित किया गया, जिसमें किसानों के धरने पर फरीदाबाद शहर और पलवल के गावों की महिलाएं शामिल हुईं। महिलाओं ने पुरुष किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में साथ देने की हुंकार भरी। इस मौके पर राष्ट्रीय मुक्केबाज प्रियंका तेवतिया भी पहुंचीं और कहा कि कड़कड़ाती सर्दी में सड़कों पर बैठे किसानों की बात सरकार को सुननी चाहिए। तीनों कृषि कानून तुरंत प्रभाव से रद्द करने चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में धरना स्थल पर महिलाओं की संख्या और बढ़ेगी। महिला किसान दिवस में पृथला विधानसभा क्षेत्र से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुकीं शशीबाला तेवतिया नें भी सैंकड़ों महिलाओं के साथ भागीदारी की।
वहीं मंगलवार को किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक ये तीनों कानून वापस नहीं होते है तब यह आंदोलन तेज गति के साथ निरंतर जारी रहेगा। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की सोच व किसानों मांग में काफी अंतर रहा है। कहा गया कि गणतंत्र दिवस को लेकर किसानों की पूरी तैयारी है। कहा गया कि हमारे प्रतिनिधि व शीर्ष नेता जो सरकार के साथ बैठक कर रहे उन पर पूरा भरोसा है आगे जो वो फैसला लेंगे वो हमारे लिए मान्य है।