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फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

शातिर ठगों ने आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है। लेकिन जिस तरह वारदात को अंजाम दिया है उससे पढ़े लिखे भी चकमा खा गए और हजारों रुपये गंवा बैठे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:13 PM (IST)
फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

जागरण संवाददाता, पलवल: सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। चांदहट थाना प्रभारी रामचंद्र जाखड़ ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान अर्जुन टाक निवासी मंडावली (दिल्ली) और विनोद कुमार निवासी गुरुनानकपुरा, लक्ष्मी नगर (दिल्ली) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपितों से चार फर्जी मोहर/स्टांप, दो पैड नीला व लाल, चार मोबाइल और 18 सिम कार्ड, 750 डाक लिफाफे जस्टिस विभाग व वन विभाग के नाम से, 234 डाक स्पीड पोस्ट टिकट, कई फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए हैं।

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इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब ठगी के शिकार मीसा गांव के रहने वाले उमेश कुमार ने चांदहट थाना पुलिस को सात अप्रैल 2021 को शिकायत दी थी। पीड़ित का आरोप था कि उसने पलवल अदालत में चपरासी पद के लिए आवेदन किया था। उसका नाम वेटिग लिस्ट में रखा गया था। उसी दौरान उसे फोन पर नियुक्ति की सूचना दी गई और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करके 26 हजार रुपये हड़प लिए गए। नियुक्ति पत्र फर्जी पाए जाने पर पीड़ित ने चांदहट थाना में मुकदमा दर्ज कराया था।

इसकी जांच डीएसपी यशपाल खटाना के नेतृत्व में चांदहट थाना पुलिस व साइबर सेल को सौंपी गई थी। दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से मामले की जांच करते हुए फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए गए बैंक खाता और मोबाइल नंबरों का रिकार्ड जांचा। इसके उपरांत पुलिस ने जांच में शामिल मुख्य आरोपित अर्जुन टाक को दिल्ली से गिरफ्तार कर पूछताछ की और उसकी निशानदेही पर उसके सहयोगी विनोद कुमार को भी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों का एक साथी जिला मथुरा (यूपी) के सुरीर का रहने वाला मनोज फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है।

पुलिस की ओर से आरोपितों से सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने अन्य वारदात में भी शामिल होने की बात कबूली है। अभी तक की पूछताछ में आरोपितों ने पलवल जिले में तीन वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है। इसके साथ ही अन्य जिलों और अन्य राज्यों में भी इसी तरह की ठगी को अंजाम देने की बात कबूली है, जिनके संबंध में संबंधित पुलिस से जानकारी जुटाई जा रही है। बाक्स

आठवीं तक ही की पढ़ाई, पढ़े-लिखों को लगाया चूना

शातिर ठगों ने आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है। लेकिन, जिस तरह वारदात को अंजाम दिया है, उससे पढ़े लिखे भी चकमा खा गए और हजारों रुपये गंवा बैठे। इन आरोपियों ने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को निशाना बनाया।

ठगी को अंजाम देने के लिए ठग ऐसे युवाओं को निशाना बनाते थे, जिनका नाम सरकारी नौकरी की वेटिग लिस्ट में होता था। सबसे पहले सरकारी वेबसाइट पर जाकर ऐसे युवाओं की जानकारी जुटाते थे। इसके बाद उन्हें नियुक्ति पत्र देने के नाम पर फोन करते थे और फिर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपित पिछले एक साल से यह काम कर रहे थे। ठगों ने ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र बनवा रखे थे।


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