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अदालत ने लुटेरे को सुनाई पांच साल की कैद

जिला एवं सत्र न्यायालय ने लूट के एक मामले में एक युवक को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की कैद तथा 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना न भरने की सूरज में छह माह की अतिरिक्त कैद भी भुगतने की सजा सुनाई गई है। आरोपित के खिलाफ लूट के सात अन्य मामले दर्ज हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 06:55 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 06:55 PM (IST)
अदालत ने लुटेरे को सुनाई पांच साल की कैद
अदालत ने लुटेरे को सुनाई पांच साल की कैद

- 25 हजार का जुर्माना भी होगा भरना

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- नहीं भरने की एवज में छह माह की अतिरिक्त कैद

- आरोपित के खिलाफ लूट के सात अन्य मामले भी हैं दर्ज

संवाद सहयोगी, पलवल : जिला एवं सत्र न्यायालय ने लूट के एक मामले में एक युवक को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की कैद तथा 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना न भरने की सूरज में छह माह की अतिरिक्त कैद भी भुगतने की सजा सुनाई गई है। आरोपित के खिलाफ लूट के सात अन्य मामले दर्ज हैं।

बता दें कि गांव यादूपुर निवासी अन्नू उर्फ अरुण पुत्र बच्चू ¨सह के खिलाफ सदर थाने में 22 नवंबर 2015 को झपटमारी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में मुकदमा चला।

अदालत में दोनों पक्षों की तरफ से सुनवाई हुईं। गवाहों और सबूतों के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार वर्मा ने बृहस्पतिवार को आरोपित अन्नू को दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की एवज में अन्नू को छह की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी।

बता दें कि अन्नू, चांदहट निवासी सुनील व दीघोट निवासी विक्की के के खिलाफ चार जून 2016 को भी दीघोट रोड पर तमंचे की नोक पर चांदहट निवासी सुभाष से मोटरसाइकिल व कैश लूटने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। मामले में अन्नू के साथी सुनील निवासी चांदहट को पुलिस ने 16 जून को गिरफ्तार कर लिया था। उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अन्नू को भी 26 जून को गिरफ्तार कर लिया था।

पूछताछ में अन्नू से लूट की आठ वारदातों का खुलासा हुआ था, जिनमें चांदहट थाना क्षेत्र में तीन, सदर थाना क्षेत्र में तीन व कैंप थाना क्षेत्र में दो वारदातें शामिल थीं। इनमें 2015 में हुई एक लूट की वारदात भी शामिल थी, जिसमें अरुण को यह सजा सुनाई गई है।


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