राजनीतिक दलों की सीमा से परे था अटल जी का चुनाव प्रचार
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सादगी और सरल स्वभाव आज भी जिले के लोगों को याद है। वाजपेयी जी पलवल में तीन बार आए, परंतु सबसे ज्यादा चर्चा वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित चुनावी रैली की रही। जब वाजपेयी जी ने इनेलो-भाजपा गठबंधन की परवाह किए बिना यहां तक कह दिया था कि जनता जिसे चाहती है, उसी को वोट दे दे। परिणाम भी यही हुआ कि जनता ने इनेलो-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी देवेंद्र चौहान को पराजित कर आरपीआइ के प्रत्याशी करण दलाल के सिर जीत का सेहरा बांध दिया था। हालांकि देवेंद्र चौहान इस इस बात को नकारते हुए कहते हैं कि वाजपेयी जी ने कहा कुछ था और दलाल समर्थकों ने उसका अलग मतलब निकालकर प्रचार किया।
सुरेंद्र चौहान, पलवल
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सादगी और सरल स्वभाव आज भी जिले के लोगों को याद है। वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित चुनावी रैली में अटल जी ने इनेलो-भाजपा गठबंधन की परवाह किए बिना यहां तक कह दिया था कि जनता जिसे चाहती है, उसी को वोट दे दे। परिणाम भी यही हुआ कि जनता ने इनेलो-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी देवेंद्र चौहान को पराजित कर आरपीआइ के प्रत्याशी करण दलाल के सिर जीत का सेहरा बांध दिया था। हालांकि देवेंद्र चौहान इस इस बात को नकारते हुए कहते हैं कि वाजपेयी जी ने कहा कुछ था और दलाल समर्थकों ने उसका अलग मतलब निकालकर प्रचार किया।
दरअसल, वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में इनेलो व भाजपा का गठबंधन था। पलवल विधानसभा क्षेत्र से सीट इनेलो के खाते में थी और प्रत्याशी देवेंद्र चौहान थे। उनके खिलाफ आरपीआइ से करण दलाल प्रत्याशी थे। दोनों की बीच कड़ा मुकाबला भी था।
चुनाव में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के मैदान, जहां अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस खेल स्टेडियम है, वहां इनेलो प्रत्याशी देवेंद्र चौहान ने रैली की थी। रैली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चौहान के लिए वोट मांगने आए थे। रैली के दौरान करण दलाल समर्थकों ने हू¨टग करनी शुरू कर दी। इस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि हंगामा ना करें और शांति बनाए रखें। जनता जिसे चाहती है, उसे ही वोट दें। इस पर जनता ने वाजपेयी जी ¨जदाबाद के नारे लगा दिए थे। वाजपेयी जी देश के महान नेताओं में से एक हैं। उनके बारे में विपक्ष के नेता भी बुराई नहीं कर सकते। मेरी रैली में जब वे आए तो उनसे जनता बहुत प्रभावित हुई। जब वे जाने लगे तो जनता उनके जयकारे लगाने लगी।
- देवेंद्र चौहान, इनेलो नेता