अहोई अष्टमी आज, संतान की चिरायु की करेंगी प्रार्थना
करवाचौथ पर सुहाग की लंबी उम्र की दुआ के साथ व्रत करने के बाद अब महिलाएं संतान की लंबी आयु तथा उनकी सुख-समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी की तैयारियों में जुट गई हैं।
जागरण संवाददाता, पलवल : करवाचौथ पर सुहाग की लंबी उम्र की दुआ के साथ व्रत करने के बाद अब महिलाएं संतान की लंबी आयु तथा उनकी सुख-समृद्धि के लिए अहोई अष्टमी की तैयारियों में जुट गई हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है और यह आठ नवंबर यानि रविवार को है। इस दिन भी महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। महिलाएं शुभ मुहुर्त में कथा सुनने के बाद तारों को जल अर्पित कर अपना व्रत खोलती हैं। अहोई माता के साथ भगवान शिव व पार्वती की भी अराधना करने की परंपरा है। इस व्रत के लिए पलवल शहर के मेन बाजार, जवाहर नगर कैंप मार्केट, हथीन, होडल व हसनपुर के बाजार में महिलाएं आवश्यक खरीदारी करती नजर आई। मैं वर्षों से अहोई अष्टमी का व्रत कई सालों से रख रही हूं। यह व्रत मैं अपने बच्चों की लंबी उम्र व उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हूं। यह कामना करती हूं कि इस बच्चे-पोते स्वस्थ रहें।
- मिथलेश शर्मा मैं हर साल अहोई अष्टमी का व्रत रखती हूं और अपने बच्चे की लंबी उम्र की कामना करती हूं। इस व्रत पर अहोई माता के समक्ष यह भी प्रार्थना करूंगी कि जल्द से जल्द कोरोना काल खत्म हो और हम सनातन संस्कृति से जुड़े सभी पर्व-त्योहार धूमधाम के साथ मना सकें।
- सीमा मग्गू मैं पिछले कई वर्षों से यह व्रत रख रहीं हूं। अहोई अष्टमी की खरीदारी करने आई हूं। अहोई अष्टमी के दिन मैं पूरे दिन निर्जला रहकर अपने बच्चों की लंबी आयु का कामना करूंगी। शाम को तारों को अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलूंगी।
- पूजा तायल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महिलाएं अहोई माता से अपनी संतान की दीर्घायु, स्वस्थ व समृद्धि की कामना करती हैं। अबकी बार अहोई अष्टमी तिथि आठ नवंबर की सुबह सात बजकर 29 मिनट से नौ नवंबर को सुबह छह बजकर 50 मिनट तक रहेगी। पूजा का मुहूर्त रविवार की शाम पांच बजकर 37 मिनट से शाम छह बजकर 56 मिनट के बीच रहेगा।
- यशपाल शर्मा, पुरोहित