भू-जल का अवैध दोहन आने वाले समय के लिए बनेगा परेशानी: हाजी इब्राहिम
मेवात क्षेत्र में हमेशा से ही पीने के पानी के लाले रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो में इस समस्या ने यहां विकराल रूप धारण किया है। वैसे इसकी मूल समस्या बारिश का काम होना और क्षेत्र में अत्याधिक भू-जल का अवैध दोहन होना है। ये सिलसिला क्षेत्र में अभी भी बदस्तूर जारी है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका: मेवात क्षेत्र में हमेशा से ही पीने के पानी के लाले रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो में इस समस्या ने यहां विकराल रूप धारण किया है। वैसे इसकी मूल समस्या बारिश कम होना और क्षेत्र में भू-जल का अत्यधिक अवैध दोहन होना है। ये सिलसिला क्षेत्र में अभी भी बदस्तूर जारी है। इसे रोकने तथा जल सरंक्षण को लेकर संबंधित विभागों को सतर्क होना होगा।
हरियाणा-राजस्थान मेवात जल बिरादरी के अध्यक्ष हाजी इब्राहिम ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि इस समय मेवात क्षेत्र में धरती का गला चीरकर अवैध रूप से पानी निकाला जा रहा है। इसके चलते क्षेत्र में पानी की समस्या दिन रात बढ़ती जा रही है। क्षेत्र में आजकल अकसर देखा जा रहा है कि लोग नए बोरिग करा रहे हैं। जरुरत के हिसाब से पानी की पूर्ति करना उचित है लेकिन बोरिग कराकर अकसर लोग पानी की बर्बादी करते हैं। जो गलत है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा-राजस्थान के मेवात क्षेत्र में पानी की विकट समस्या है। यहां के भिवाड़ी और अलवर में जब से औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हुए हैं, तभी से अवैध तरीके से फैक्ट्रियों द्वारा धरती के सीने से अंधाधुंध पानी को निकाला जा रहा है। इसके दोहन को रोकने को लेकर उनकी ओर से लड़ाई जारी है।
हाजी इब्राहिम ने बताया कि क्षेत्र में जल सरंक्षण को लेकर लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेवात क्षेत्र में पानी की विशेष कमी को लेकर बीते वर्ष पहले जल जमात पद यात्रा निकाली गई थी। इसमें विशेष रुप से मेवात क्षेत्र के लोगों को पानी के प्रति जागरुक किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आज भी मेवात क्षेत्र की आधी से ज्यादा आबादी खारा और दूषित जल पी रही है। इसपर सरकार को यहां इस क्षेत्र पर ध्यान देने की जरुरत है। मिशन 2020 पर काम करेगा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
जिले में जल संरक्षण के संबंध में इस वर्ष जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अपने संसाधन मजबूत करेगा। विभाग जिले में रिचार्ज बोर कन्वर्ट, हार्वेस्टिग सिस्टम सहित जल दोहन को रोकने के सिलसिले में बड़े स्तर पर प्लान तैयार कर रहा है। अरावली क्षेत्र में बरसात के पानी के संरक्षण के लिए वाटर कंजर्वेशन योजना पर काम किया जा रहा है। 10 ट्यूबवेलों को रिचार्ज बोर में कन्वर्ट किया गया है। इसके अलावा विभाग पंचायतों एवं संबंधित विषय पर कार्य कर रही संस्थाओं के साथ बैठक कर जल संरक्षण के लिए प्लान तैयार करेगा।