नन्हें शिवभक्तों ने दी तेंदुए के खौफ को मात
जब सच्ची श्रद्धा से ईश्वर की भक्ति की जाए तो कोई भी ताकत आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ऐसी ही ताकत और साहस के साथ फिरोजपुर झिरका के नन्हें शिवभक्त पिछले दो दिनों से उस अरावली की सड़क पर दंडवत प्रणाम लगा रहे हैं जहां पिछले कई दिनों से तेंदुआ बना हुआ है। तेंदुए के आंतक से जहां लोग दहशत में हैं तो वहीं नन्हें शिवभक्तों
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका(नूंह) : जब सच्ची श्रद्धा से ईश्वर की भक्ति की जाए तो कोई भी ताकत आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ऐसी ही ताकत और साहस के साथ फिरोजपुर झिरका के नन्हें शिवभक्त पिछले दो दिनों से उस अरावली की सड़क पर दंडवत प्रणाम लगा रहे हैं जहां पिछले कई दिनों से तेंदुआ विचरण कर रहा है। तेंदुए के आंतक से जहां लोग दहशत में हैं, वहीं नन्हें शिवभक्तों उसके खौफ को चुनौती दे रहे हैं।
बता दें, कि पिछले कई दिनों से शहर के तिजारा मार्ग स्थित अरावली क्षेत्र में तेंदुए के खौफ ने लोगों को भयभीत कर रखा है। यहां तेंदुए ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया था। दो दिन पहले भी एक तेंदुआ पांडव कालीन शिवमंदिर के गेट पर देखा गया था। दंडवत प्रणाम लगाने वाले बालक महेश, सुनील, राकेश, हुकम और अमन कुमार ने बताया कि उन्हें इस बात का कतई डर नहीं है कि पहाड़ में तेंदुआ है। वो भोले की भक्ति में लीन हैं उन्हें शिवभंडारी से साहस और हिम्मत मिल रही है।
पांच किलोमीटर की है दंडवत प्रणाम : यहां की अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीचों बीच बना ऐतिहासिक पांडव कालीन शिवमंदिर क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि आस्था का केंद्र भी है। शहर से इसकी दूरी पांच किलोमीटर है। ऐसे में शिवभक्त शिवरात्रि के दिनों में यहां दंडवत लगाते हैं। यह दंडवत प्रणाम प्रक्रिया पांच किलोमीटर की दूरी तय कर अरावली की वादियों से होकर लगाई जाती है।
पेट के बल लगाया जाता है दंडवत प्रणाम : दंडवत प्रणाम पेट के बल लेट कर लगाया जाता है। दंडवत लगाते समय शिवभक्त अपने हाथ में पत्थर भी रखते है। इसके लगाने से शिवभक्तों के पैरों में और पेट पर छाले तक पड़ जाते हैं। मान्यता है कि दंडवत प्रणाम लगाने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दंडवत प्रणाम लगाने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। बच्चे बूढ़े और जवान तथा महिलाएं यहां दंडवत प्रणाम लगाते हुए देखी जा सकती हैं।