तर्पण: पक्षियों व गाय के प्रति था विशेष प्रेम
क्षमा कर देना व क्षमा मांग लेना राजकुमार के हृदय में वास करता था। वे लड़ाई-झगड़े के हमेशा खिलाफ रहते थे। एक दूसरे को प्रेम भाईचारे का संदेश देते थे। ऐसे थे मेरे बड़े भाई राजकुमार जैन।
क्षमा कर देना व क्षमा मांग लेना राजकुमार के हृदय में वास करता था। वे लड़ाई-झगड़े के हमेशा खिलाफ रहते थे। एक दूसरे को प्रेम, भाईचारे का संदेश देते थे। ऐसे थे मेरे बड़े भाई राजकुमार जैन। इनका स्वर्गवास 04,अगस्त 1997 को हो गया था। उन्हें पशु-पक्षियों व गाय से विशेष प्रेम था। वे पशु-पक्षियों को रोजाना चुग्गा डालते थे। गाय को रोजाना अपने हाथों से रोटी व चारा खिलाते थे। भगवान महावीर स्वामी का संदेश व्यक्ति जन्म से नहीं, कर्म से श्रेष्ठ है, को मानते थे। इसी वजह से वे छुआछूत, ऊंच-नीच के भेदभाव के खिलाफ थे। अहिसा परमो धर्म व जीओ ओर जीने दो का संदेश उनके जीवन की सबसे बड़ी धरोहर थी। बेशक आज वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके संस्कार, विचार व आदर्श हमेशा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
- रजत जैन, नगीना।