दिन में सख्ती और रात में खोले जा रहे प्रतिबंधित रास्ते
नूंह की राजस्थान सीमा से सटे हरियाणा वन क्षेत्र के गांवों में इस समय अरावली पहाड़ी में गैरकानूनी तरीके से रास्ते बनाकर ओवरलोड डंपरों को निकाला जा रहा है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका: नूंह की राजस्थान सीमा से सटे हरियाणा वन क्षेत्र के गांवों में इस समय अरावली पहाड़ी में गैरकानूनी तरीके से रास्ते बनाकर ओवरलोड डंपरों को निकाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार गांव घाटा शमशाबाद, बसईमेव और बडेड़ गांव में पड़ने वाले वन क्षेत्र में यह रास्ते खनन माफियाओं द्वारा बनाए गए हैं। हालाकि उपरोक्त जगहों पर जिला प्रशासन द्वारा पुलिस नाके भी लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अरावली क्षेत्र से डंपरों को खुलेआम निकाला जा रहा है। गैरकानूनी तरीके से बनाए गए रास्तों से निकल रहे डंपरों को लेकर लोगों का आरोप है कि पुलिस दिन में सख्ती दिखाती है तो रात में नरमी दिखाकर न तो रास्तों को बंद कर रही है और न ही ओवरलोड डंपरों पर अंकुश लगा रही है।
बता दें कि राजस्थान सीमा से सटे हरियाणा वन क्षेत्र में अवैध खनन और गैरकानूनी रास्तों पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। प्रशासन द्वारा इस बाबत उठाए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद भी इन गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगने से पुलिस एवं प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। अवैध व गैरकानूनी तरीके से बनाए गए रास्तों का नया मामला बडेड़, घाटा शमशाबाद और बसईमेव में सामने आ रहा है।
हालाकि इसको लेकर बीते दिन फरीदाबाद के मंडल आयुक्त संजय जून कार्रवाई को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दे चुके हैं। जिले में उनकी ओर से अवैध खनन व गैरकानूनी रास्तों को रोकने के लिए एक टीम भी गठित की हुई है। इस टीम का नेतृत्व संबंधित उपमंडल स्तर पर एसडीएम कर रहे हैं, लेकिन टीम द्वारा इस संदर्भ में अभी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। बडेड़ के पहाड़ में गैरकानूनी तरीके से बनाए गए रास्तों को लेकर पुलिस टीम जांच कर रही है। यदि कहीं अवैध रास्ते मिले तो उन्हें अतिशीघ्र बंद करवा दिया जाएगा।
नरेंद्र सिंह, प्रभारी चांदड़ाका पुलिस चौकी