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पानी है अनमोल इसे व्यर्थ ना बहाएं

नूंह जिले में गिरते भू-जलस्तर को देखते हुए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यहां के हर गांव में बरसात के पानी का संरक्षण करने की योजना होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 04:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 05:08 PM (IST)
पानी है अनमोल इसे व्यर्थ ना बहाएं
पानी है अनमोल इसे व्यर्थ ना बहाएं

शेरसिंह चांदोलिया , नगीना

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नूंह जिले में गिरते भू-जलस्तर को देखते हुए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यहां के हर गांव में बरसात के पानी का संरक्षण करने की योजना होनी चाहिए। हालांकि कुछ लोग इस संदर्भ में जागरूक हैं और बरसात के पानी को एकत्रित करके उसका इस्तेमाल भी कर लेते हैं। यदि मेवात क्षेत्र में व्यर्थ बह रहे पानी को भी प्रयोग में लिया जाए, तो हर गांव में एक जोहड़ की आवश्यकता होगी।

वैसे तो मेवात में पानी की आपूर्ति के लिए कई योजनाएं काम कर रही हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में बिल्कुल नहीं मिल पा रहा है। यहां पर रेनीवेल परियोजना महज एक दिखावा है। इस योजना के तहत मेवात के आधे से ज्यादा गांवों में पानी बिल्कुल नहीं पहुंच रहा है। यदि सरकार चाहे तो व्यर्थ बह रहे गंदे पानी को जोहड़ में एकत्रित कराए और इसको इस्तेमाल करने के लायक साफ करे। फिर इसका इस्तेमाल चाहे सिचाई के लिए करे या भवन निर्माण के लिए करे। लेकिन पानी को व्यर्थ बहने से हर हाल में प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

मेवात के दर्जनों गांवों के स्कूलों में स्वयंसेवी संस्था सहगल फाउंडेशन ने बरसात के पानी को एकत्रित करने का टैंक बनाया। उसमें फिल्टर लगा कर उस पानी को पीने योग्य बनाया। मेवात के आज भी दर्जनभर स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बरसात के पानी को पीने के लिए बच्चे इस्तेमाल कर रहे हैं। यदि ऐसी ही योजना सरकार ग्रामीणों के लिए भी बना दे, तो काफी हद तक पीने के पानी की किल्लत दूर हो जाएगी। क्योंकि बरसात का पानी वैसे भी मीठा होता है इसमें किसी भी तकनीकी की आवश्यकता नहीं होती है। जिला प्रशासन को पानी को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। आज का प्रयास आने वाली पीढि़यों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।

- अबरार नंबरदार जिले में पानी बचत योजना का होना अतिआवश्यक है। क्योंकि राज्य के ज्यादातर जिलों में इस प्रकार की योजना है। लेकिन नूंह में नहीं हैं। जिले में भूजल स्तर काफी नीचे पहुंचने से किसानों को परेशानी हो रही है।

हाकम खान गिरते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए गंदे पानी को निर्मल बनाकर जनता के उपयोग के लिए तैयार करना चाहिए। ताकि इस योजना का किसानों व आम जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

लुकमान पिथोरपूरी नूंह जिले के ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर करते हैं। यही यहां के लोगों की आय का एक मात्र साधन है। इसलिए पानी की आपूर्ति के प्रबंध हो जाएं तो कृृषि बेहतर और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

कमल शर्मा, नगीना फाउंडेशन ने जिले में पानी पर काफी काम किया है। हमारा प्रयास है कि बरसात के पानी को बिल्कुल भी व्यर्थ ना बहने दिया जाए। सरकार के सहयोग से प्रयास रहेगा कि पूरे गांव के पानी को एक जोहड़ में एकत्रित कर उसका इस्तेमाल कराया जाएगा ताकि मेवात में पानी की किल्लत को कुछ हद तक दूर किया जा सके।

- नासिर हुसैन, जिला सहायक कार्यक्रम अधिकारी, सहगल फाउंडेशन


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