फसलों के लिए वरदान बनी बारिश, उमस से परेशानी
नूंह जागरण संवाददाता नूंह में बुधवार रात हुई बारिश से किसानों को काफी लाभ हुआ है। किसानों कीमानें तो कपास की खेती के लिए यह बारिश वरदान बनकर आई है।्र
जागरण संवाददाता, नूंह :
कई दिनों से हो रही कड़ी धूप और भीषण गर्मी के बाद बुधवार को देर रात तक हुई झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। वहीं सूख रही फसलों में फिर हरियाली लहलहा उठी। खेतों में पर्याप्त पानी भर जाने से अब किसान भी धान की रोपाई का कार्य शुरू करेंगे।
बुधवार सुबह जब लोग सोकर उठे तो आसमान में गहरे काले बादल छाए हुए थे। लेकिन दिन में चली तेज आंधी के बीच बादल छट गए और सूर्यदेव ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। फिर शाम को पांच बजे से आसमान में घने बादल छा गए। जिले के फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, नगीना व पिनगवां क्षेत्र में शाम करीब छह बजे बारिश शरू हो गई। कुछ देर तक हुई मूसलाधार बारिश में धरती तर हो गई। जिसके बाद देर रात तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। इससे खेतों में पानी भर गया।
उमस ने बढ़ाई आमजन की मुसीबत :
बारिश के बाद बृहस्पतिवार सुबह के समय तो मौसम सुहावना रहा, लेकिन दोपहर तक गर्मी चरम पर पहुंच गई। बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस था वहीं बृहस्पतिवार को 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान बढ़ने की वजह से उमस भरी गर्मी ने लोगों को खूब परेशान किया।
कपास व ज्वार को मिली संजीवनी :
जिले में करीब 6000 एकड़ में कपास की खेती की गई है। जिले की मुख्य फसलों में अब कपास की फसल शुमार है, लेकिन जून माह में पड़ी भीषण गर्मी के कारण फसल सूखने के कगार पर पहुंच चुकी थी। नहरों में पानी ना आने के कारण किसान फसलों की सिचाई भी नहीं कर पा रहे थे। वहीं पशुओं के चारे के लिए बिजाई की गई ज्वार की फसल का भी यही हाल था। बुधवार रात में हुई बारिश से कपास व ज्वार की फसल को संजीवनी मिली है। वहीं दूसरी ओर इस बारिश के बाद धान की रोपाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
बिजली कटौती ने किया लोगों को परेशान :
ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार शाम छह बजे से गुल हुई बिजली व्यवस्था बृहस्पतिवार दोपहर तक सुचारू नहीं हो पाई। हालांकि शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूíत रात को ही शुरू हो गई थी। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली ने लोगों को खूब परेशान किया। उमस से बचने के लिए लोगों ने छत के पंखे जरूर चलाने का प्रयास किया। लेकिन बिना बिजली के इनवर्टर भी जवाब दे गए। दोपहर बाद जाकर बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो पाई।
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बुधवार रात तक हुई बारिश से कपास व ज्वार की फसल को नई संजीवनी मिली है। अब फिलहाल मौसम में नमी है। जिसके चलते फसलों पर धूप का प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ेगा। लेकिन बारिश के बाद फसलों की निराई-गुड़ाई का किसान विशेष ध्यान रखें।
डॉ. अजीत सिंह, एसडीओ कृषि विभाग।
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