एस्टीमेट पास ना होने के चलते अटक रहे शहर के विकास कार्य
नगरपालिका नूंह पार्षदों की आपसी राजनीति का पूरी तरह से शिकार हो चुकी है। पार्षदों की राजनीति के चलते न तो शहर का विकास हो पा रहा है और न ही लोगों को मकानों व व्यवसायिक स्थलों के नक्शे पास हो पा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नूंह : नगरपालिका नूंह के पार्षदों की आपसी राजनीति का पूरी तरह से शिकार हो चुकी है। पार्षदों की राजनीति के चलते न तो शहर का विकास हो पा रहा है और न ही लोगों को मकानों व व्यावसायिक स्थलों के नक्शे पास हो पा रहे हैं। हालात ये हैं कि शहर में चारों तरफ गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है। इतना ही नहीं पार्षदों की राजनीति का ही नतीजा है कि पिछले छह माह से अधिक समय बीत चुका है और शहर के विकास कार्यों के लिए लगाए गए एस्टीमेट अटके पड़े हैं। लेकिन पार्षद की अपनी नाक ऊंची रखने के चक्कर में शिकायत करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
बता दें, कि शहरी क्षेत्र का विकास, स्वच्छता आदि कार्यों की जिम्मेदारी नगरपालिका की होती है। लेकिन इस समय नूंह नगरपालिका आपसी कलह से जूझ रही है। पार्षदों की आपसी खींचतान व राजनीति का असर इतना जबरदस्त है कि नगरपालिका की बैठक में विकास कार्यों का बजट बनाकर पास करने के बाद जब नपा चेयरपर्सन उक्त कार्यों का एस्टीमेट बनाकर उच्चाधिकारियों के पास भेजते हैं तो भी शिकायतें कर दी जाती हैं। इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ता है। हालात चाहे कुछ भी हों, लेकिन शहर का विकास पूरी तरह से ठप हो गया है।
शहर के पार्कों से लेकर जर्जर रास्तों का अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है। स्ट्रीट लाइटें खराब होने के चलते रात को अंधेरा ही अंधेरा रहता है। यातायात व्यवस्था का बुरा हाल है। आवारा पशु सड़कों पर घूमते नजर आते हैं। पार्कों के हालात ऐसे हैं कि पार्कों की ग्रिल पूरी तरह उखड़ी पड़ी है। पार्कों में देखरेख के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं है। शाम होते ही शरारती तत्वों का पार्कों में जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। हमारी पूरी कोशिश है कि शहर के विकास कार्यों को गति दी जाए। लेकिन कुछ पार्षद राजनीति से प्रेरित होकर शिकायतें करते हैं और अधिकारी फिर शहर के विकास कार्यों को लगाए गए एस्टीमेट को रोक देते हैं। ऐसी स्थिति में शहर के विकास कार्य अधर में पड़े हैं। मेरे सभी से यही अपील है कि शहर के विकास में भागीदार बनें।
- सीमा सिगला, चेयरपर्सन नगरपालिका नूंह