कृत्रिम गर्भाधारण से पशुओं की नस्ल बदलने का प्रयास
पशुपालन विभाग द्वारा जिले में पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया हुआ है। जिसके लिए विभाग द्वारा पशुओं का कृत्रिक गर्भाधारण किया जा रहा है। वर्ष 2017-1
जागरण संवाददाता, नूंह:
पशुपालन विभाग द्वारा जिले में पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया हुआ है। इसके लिए विभाग द्वारा पशुओं का कृत्रिक गर्भाधारण किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 में 1 लाख 33 हजार गाय व भैंसों की नस्ल सुधारने का लक्ष्य रखा गया है। इसे विभाग ने 70 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है। वहीं बीते वर्ष विभाग ने 1 लाख 20 हजार पशुओं की नस्लों को सुधारने का लक्ष्य रखा था। इसे विभाग ने 80 प्रतिशत तक पूरा किया था। विभाग के अनुमान के अनुसार जिले में लगभग साढ़े तीन लाख पशुपालक है। कृत्रिम गर्भाधारण से भैंस की मुर्राह व गाय की देशी, साहीवाल नस्लों को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन किसानों में जानकारी के अभाव में इस कार्य में बांधा पैदा हो रही है। इससे पशुओं की नस्लों को सुधारने में काफी समय लग रहा है। पशुपालकों को अपने पशुओं की नस्लों को सुधारने के लिए कृत्रिम गर्भाधारण अवश्य कराना चाहिए। अच्छी नस्लों के पशुओं से ही पशुपालक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। लोगों को विभाग का सहयोग करना चाहिए।
डॉ. नरेंद्र ¨सह, उपनिदेशक पशुपालन विभाग।