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..यहां नर्सरी व केजी के बच्चों को पढ़ाते हैं सेवादार व चौकीदार

खंड के मेवात मॉडल स्कूल के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अध्यापकों की कमी के चलते यहां नर्सरी व केजी के बच्चों को सेवादार व चौकीदार पढ़ाते नजर आते हैं। सरकार भले ही शिक्षा जगत में उजियारा लाने का दम भर रही हो लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। जिले में आधे स्कूल ऐसे हैं जहां पर 130 बच्चों पर केवल 2 ही शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा नूंह में ज्यादातर ऐसे मिडिल स्कूल हैं, जिनमें एक भी अध्यापक नहीं हैं। विडंबना ये है कि कुछ समय पहले शिक्षा को लेकर अव्वल माने जाने वाले मेवात मॉडल स्कूल अब फिस्सडी स्कूलों में सुमार नजर आ रहे हैं। इन स्कूलों से अभिभावक अपने बच्चों के लिए दूसरा स्कूल तलाशने लगे हैं। प्रशासन भी अभी तक मेवात मॉडल स्कूलों को जिले की शिक्षा में सुधार के तौर पर पेश करता रहा है। लेकिन जो हकीकत निकलकर सामने आई है उसने उन अभिभावकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 03:57 PM (IST)
..यहां नर्सरी व केजी के बच्चों को पढ़ाते हैं सेवादार व चौकीदार
..यहां नर्सरी व केजी के बच्चों को पढ़ाते हैं सेवादार व चौकीदार

जागरण संवाददाता, नगीना:

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खंड के मेवात मॉडल स्कूल के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अध्यापकों की कमी के चलते यहां नर्सरी व केजी के बच्चों को सेवादार व चौकीदार पढ़ाते नजर आते हैं। सरकार भले ही शिक्षा जगत में उजियारा लाने का दम भर रही हो लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। जिले में आधे स्कूल ऐसे हैं जहां पर 130 बच्चों पर केवल 2 ही शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा नूंह में ज्यादातर ऐसे मिडिल स्कूल हैं, जिनमें एक भी अध्यापक नहीं हैं।

विडंबना ये है कि कुछ समय पहले शिक्षा को लेकर अव्वल माने जाने वाले मेवात मॉडल स्कूल अब फिसड्डी स्कूलों में सुमार नजर आ रहे हैं। इन स्कूलों से अभिभावक अपने बच्चों के लिए दूसरा स्कूल तलाशने लगे हैं। प्रशासन भी अभी तक मेवात मॉडल स्कूलों को जिले की शिक्षा में सुधार के तौर पर पेश करता रहा है, लेकिन जो हकीकत निकलकर सामने आई है उसने उन अभिभावकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। पर्याप्त शिक्षक भी नहीं दे पा रहा प्रशासन:

नगीना स्थित मेवात मॉडल स्कूल की नर्सरी कक्षा में 95 बच्चे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। केजी में 84 बच्चों पर एक शिक्षक है। पहली में 110 बच्चों पर दो शिक्षक हैं। इसके अलावा 10 वीं तथा 12 वीं कक्षा के लिए फिजिक्स, बायोलॉजी, हिस्ट्री तथा पोलिटिकल साइंस के अध्यापक के बिना ही काम चल रहा है। मजबूरी में नर्सरी व केजी के बच्चों को अटेंडेंट और सेवादार पढ़ा रहे हैं। कुल मिलाकर इस स्कूल को 14 शिक्षकों की आवश्यक्ता है। जो पिछले कई महीनों से चली आ रही है। अभिभावक परेशान:

अभिभावक अली, ओमप्रकाश, राजुद्दीन ने बताया कि केजी व पहली-दूसरी की कक्षाओं में भी अध्यापक नहीं रहते। उनके कई पीरियड नहीं लिए जाते। यही हाल बड़ी कक्षाओं का भी है। अभिभावकों ने प्राचार्य से शिकायत की तो उन्होंने बताया कि स्कूल में 14 शिक्षकों की कमी है। करीब 1100 बच्चे स्कूल में शिक्षा ले रहे हैं। शिक्षकों की भारी कमी है, कई विषयों के शिक्षक नहीं है। इस संबंध में विभाग को अवगत कराया जा चुका है। जल्द ही स्कूल में अध्यापक आने की उम्मीद है।

-डॉ. चंद्रमोहन झा, प्राचार्य एमएमएस नगीना।


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