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Tiddi Dal Attack: फिर दिल्ली के करीब पहुंचा टिड्डी दल, नूंह जिले में कई किमी तक आसमान में हैं काबिज

Tiddi Dal Attack सोमवार रात से क्षेत्र के कई गांवों में टिड्डी दल का कहर जारी है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 09:36 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 11:49 AM (IST)
Tiddi Dal Attack: फिर दिल्ली के करीब पहुंचा टिड्डी दल, नूंह जिले में कई किमी तक आसमान में हैं काबिज
Tiddi Dal Attack: फिर दिल्ली के करीब पहुंचा टिड्डी दल, नूंह जिले में कई किमी तक आसमान में हैं काबिज

नूंह/मेवात [अख्तर अली]। टिड्डियों का दूसरा दल पलवल जिले के बंचारी होते हुए नूंह पहुंचने वाला है। इसका दायरा करीब 8 से 9 किलोमीटर के बीच है। इससे प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। पिछले कई दिनों से दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय टिड्डी दल ने अब हरियाणा के नूंह जिले पर धावा बोला है। मिली जानकारी के मुताबिक, नूंह जिले में सोमवार रात से ही टिड्डी दल की दस्तक के साथ हड़कंप मचा हुआ है।  टिड्डियों के दल ने कई गांवों में फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है। 

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Tiddi Dal Attack: 

  • ताजा जानकारी मिली है कि फिरोजपुर झिरका शहर में भी टिड्डियों का दल पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि टिड्डियों का दल लगभग 7 किलोमीटर के दायरे में चल रहा है। ऊपर आसमान में देखने पर सिर्फ टिड्डियां ही नजर आ रही हैं। ग्रामीणों के साथ शहर के लोग भी सहमे हुए हैं।
  • बताया जा रहा है कि सोमवार रात से नूंह जिले के कई गांवों में टिड्डी दल का कहर जारी है। टिड्डियों के दल ने कई गांवों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। वहीं, सूचना पर मौके पर अधिकारी पहुंच गए हैं।
  • ताजा जानकारी के मुताबिक, फिरोजपुर झिरका के राजस्थान से सटे कई गांव व जंगल में टिड्डी दल जमा हैं। गौरतलब है कि नूंह जिले का ऐतिहासिक शहर फिरोजपुर झिरका गुड़गांव की मुख्य सड़क पर अलवर से करीब गुरुग्राम से करीब 82 किमी दक्षिण और दिल्ली के 150 किमी दक्षिण में स्थित है।
  •  टिड्डी दल पिछले वर्ष ही देश में आ गए थे। पिछले वर्ष पश्चिमी भारत में मानसून सामान्य से कई सप्ताह पहले शुरू हुआ और नवंबर तक सक्रिय रहा।
  • टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों में यह स्थिति चिंता पैदा करने वाली रही।
  • मानसून लंबा होने के कारण टिड्डियों के लिए न केवल प्रचुर मात्रा में भोजन देने वाली वनस्पतियां बहुतायत में पैदा हुई वहीं प्रजनन की अनुकूल स्थिति मिल गई।
  • खतरा अभी बरकरार है। हरियाणा में टिड्डियों का इतना बड़ा हमला वर्ष 1993 के बाद पहली बार हुआ। तब दक्षिण हरियाणा में कपास व बाजरे की फसल को नुकसान पहुंचा था। इस बार भी यही हो रहा है। 

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