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Mewat: चार साल बाद मिला नाबालिग को इंसाफ, दुष्कर्म के आरोपित को 10 साल की सजा के साथ 10 हजार जुर्माना

Mewat नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म के मामले में नरेन्द्र पाल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा आरिफ को 10 साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा के अदालत ने आदेश किए हैं।

By Om Prakash BajpaiEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Sat, 12 Nov 2022 08:07 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 08:08 PM (IST)
Mewat: चार साल बाद मिला नाबालिग को इंसाफ, दुष्कर्म के आरोपित को 10 साल की सजा के साथ 10 हजार जुर्माना
Mewat: चार साल बाद मिला नाबालिग को इंसाफ, दुष्कर्म के आरोपित को 10 साल की सजा : जागरण

नूंह, जागरण टीम: नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के मामले में नरेन्द्र पाल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा आरिफ को 10 साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा के अदालत ने आदेश किए हैं।

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पुलिस प्रवक्ता कृष्ण ने बताया कि एसपी वरुण सिंगला ने जिला नूंह के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधान कर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि महिला के विरुद्ध अपराध व पोक्सो एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें। साथ ही साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्यवाही करते हुए न्यायालय में आरोपित को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।

इसी कड़ी में नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के मामले में नगीना के रहने वाले आरोपित आरिफ को नरेन्द्र पाल स्पेशल कोर्ट, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट पोक्सो नूंह की अदालत ने दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नहीं भरने पर आरोपी को छह महीने अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।

बताया कि जिला नूंह के थाना नगीना के अंतर्गत एक गांव में वर्ष 2018 में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में पीड़िता के परिजन ने जिला नूंह के महिला थाना में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोपित के द्वारा नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने व विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप थे। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले को संगीन माना और जांच इकाई की उत्कृष्ट पैरवी एवं प्रॉसीक्यूशन द्वारा पेश की गई दलीलों से दोषियों की सजा में कोई नरमी नहीं बरती।

बताया कि मामले में नूंह पुलिस के द्वारा बिना किसी विलंब के अभियोग अंकित किया गया। इसके बाद नाबालिग पीड़िता के माननीय मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तथा जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आंकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था।


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