चोरी छुपे बेची जा रहीं नशीली दवाईयां
नशीली दवाईयों पर प्रतिबंध के बावजूद भी जिले में मेडिकल स्टोर पर नशीली दवा चोरी छुपे बेची जा रही हैं। जहां इस नशे के सेवन से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है वहीं मेडिकल स्वामियों की चांदी हो रही है। कई युवा इस नशे की जद में आकर स्वयं सहित पूरे परिवार की जिदगी नरक बना चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी औचक निरीक्षण करने की जहमत तक नहीं
संवाद सहयोगी, तावडू :
नशीली दवाईयों पर प्रतिबंध के बावजूद भी जिले में मेडिकल स्टोर पर नशीली दवा चोरी छुपे बेची जा रही हैं। जहां इस नशे के सेवन से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है वहीं मेडिकल स्वामियों की चांदी हो रही है। कई युवा इस नशे की जद में आकर स्वयं सहित पूरे परिवार की जिदगी नरक बना चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी औचक निरीक्षण करने की जहमत तक नहीं उठाते। अभी भी कई मेडिकल स्टोर संचालक चोरी छुपे जमकर युवाओं को नशीली दवाईयां बेच रहे हैं। बृहस्पतिवार को सीआइए पुलिस ने तावडू से नशीली दवाईयों के इस रैकेट का भंडाफोड़ भी किया। पकड़े गए दोनों आरोपितों ने बताया कि वे कोसी कलां (यूपी) से इन दवाईयों को लाते थे व रास्ते में कई जगह हरियाणा व राजस्थान तक इन दवाईयों को बेचते थे। इन पकड़े गए युवाओं में एक तावडू के गांव शिकारपुर का युवा है। जिससे स्पष्ट है कि नूंह जिले के युवा इस खेल में संलिप्त हैं व जिले में विभिन्न माध्यमों से ये दवाईयां युवाओं तक पहुंचाई जा रही हैं।
कोड वर्ड में बेची जाती हैं ये दवाईयां :
नशीली दवाईयों का सेवन करने वाले युवा व मेडिकल स्टोर स्वामियों के बीच प्रतिबंधित दवा खरीदने को लेकर कोड भाषा यानि कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता है। जैसे नीले बादाम के नाम से प्रॉक्सीवॉन कैप्सूल, दस रुपये का रिचार्ज कूपन मांगने पर डायजीपॉम व एल्प्रेक्स टेबलेट जैसे कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता है। अन्य नशीली दवाईयों के दुकानदारों व इन दवाईयों की चपेट में आ चुके युवाओं ने अलग-अलग कोड बना रखे हैं।
गणमान्य लोगों की मांग :
नशे के इस खेल को देखकर गणमान्य लोगों ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री व महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं से मेडिकल स्टोर्स पर चोरी छुपे बिक रही नशीली दवाईयों पर अंकुश लगाने एवं इस खेल में संलिप्त मिलने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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किसी भी प्रकार का नशा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। नशे के कारण व्यक्ति कई प्रकार के रोगों जैसे आंखों से धुंधला दिखाई देने, सांस लेने में परेशानी, सर दर्द, ब्लड प्रेशर का मरीज बन जाता है। सभी नशीली दवाईयों की ब्रिकी पर कड़ा प्रतिबंध है। जो मेडिकल स्टोर्स संचालक इस कार्य में लिप्त मिलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
दिनेश कुमार, औषधि नियंत्रण अधिकारी, नूंह