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अटल भू-जल योजना के अंतर्गत लोगों को किया जाएगा जागरूक : डीसी

मनोहर लाल खट्टंर ने शनिवार को चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से पोर्टल पर रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) की शुरुआत की। सिस्टम के शुरू होने से अब नहरों के पानी की उपलब्धता के बार में चंडीगढ़ मुख्यालय में बैठे-बैठे

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 06:17 PM (IST)
अटल भू-जल योजना के अंतर्गत लोगों को किया जाएगा जागरूक : डीसी

- 30 तक जिले के गांवों में होगा कार्यक्रमों का आयोजन

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- भू-जल को बचाने के लिए योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए

जासं, नूंह : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टंर ने शनिवार को चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से पोर्टल पर रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) की शुरुआत की। सिस्टम के शुरू होने से अब नहरों के पानी की उपलब्धता के बार में चंडीगढ़ मुख्यालय में बैठे-बैठे जानकारी मिल सकेगी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि अटल भूृ-जल योजना के अंतर्गत लोगों को जागरूक कर गांवों को चिन्हित कर जल सुरक्षा प्लान बनाया जाएगा।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति तक पीने योग्य स्वच्छ जल, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण, वर्षा के जल संचयन, संरक्षण एवं घटते जल स्तर को रोकना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल भू-जल योजना केंद्र सरकार, विश्व बैंक और राज्य सरकार की एक ऐसी सहभागी भू-जल प्रबंधन योजना है जो भूजल एवं कृषि संबंधित अन्य सरकारी योजनाओं जैसे जल शक्ति अभियान, मेरा पानी-मेरी विरासत, जल जीवन मिशन, सूक्ष्म सिचाईं प्रणाली, मनरेगा एवं प्रधानमंत्री कृषि सिचाईं योजना के बीच समन्वय स्थापित करेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति तक पीने योग्य स्वच्छ जल, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण, वर्षा के जल संचयन, संरक्षण एवं घटते जल स्तर को रोकना है। उन्होंने सभी उपायुक्त को निर्देश दिए कि इस योजना से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर कार्य किया जाए, इसके अलावा भू-जल को बचाने के लिए इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए।

वीसी में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि अटल भू-जल योजना के अंतर्गत जिले के चिन्हित गांवों का जल सुरक्षा प्लान बनाया जाएगा। योजना के तहत 30 सितंबर तक गांवों में यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भू-जल विशेषज्ञ एवं आईईसी विशेषज्ञ के साथ मिलकर गांव-गांव जाकर जन भागीदारी द्वारा भूजल प्रबंधन के संस्थागत ढांचे को मजबूत करने, क्षमता निर्माण एवं जागरूकता संवाद अभियान की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्य लोगों के साथ मिलकर ग्राम स्तर पर जल स्त्रोतों जैसे कुओं, तालाबों, झीलों, नदी, नालों के आंकड़े एकत्रित करना, जल बजट एवं जल सुरक्षा प्लान तैयार करना है। इस मौके पर सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।


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