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मांड़ीखेड़ा में बनेगा 400 बेड का अस्पताल

देश के सबसे पिछड़े जिले नूंह को अग्रणी जिलों में शामिल करने के लिए भारत सरकार की मुहिम रंग लाने लगी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग के साथ मिलकर जिले के मांडीखेड़ा में 400 बैड का अस्पताल बनाने को मंजूरी दे दी है..

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 07:19 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 07:19 PM (IST)
मांड़ीखेड़ा में बनेगा 400 बेड का अस्पताल
मांड़ीखेड़ा में बनेगा 400 बेड का अस्पताल

जागरण संवाददाता, नूंह : देश के सबसे पिछड़े जिले नूंह को अग्रणी जिलों में शामिल करने के लिए भारत सरकार की मुहिम रंग लाने लगी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग के साथ मिलकर जिले के मांडीखेड़ा में 400 बेड का अस्पताल बनाने को मंजूरी दे दी है, जिसमें 100 बेड का ट्रामा सेंटर भी शामिल है।

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इस आदेश की प्रतियां हरियाणा सरकार को भारत सरकार ने 17 जुलाई में भेज दी थी। ये आदेश नूंह जिले के आलाधिकारियों को भी मिल चुके हैं। इस परियोजना को सिरे चढ़ाने में सामाजिक संस्था मेवात आरटीआइ मंच का अहम योगदान रहा है। जिले में पहले से ही नूंह के नजदीक नलहड़ गांव में 500 बेड का अस्पताल मेडिकल कॉलेज में बना हुआ है। जबकि नूंह शहर में 50 बेड का अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बना हुआ है। जिससे आसपास के 200 गांवों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। मेवात की राजधानी बड़कली चौक के निकट मांड़ीखेड़ा में 100 बेड का अस्पताल बना हुआ है, जिसमें आज भी 80 बेड ही लग पा रहे है। आने वाले वक्त में मांडीखेड़ा में 100 के स्थान पर 300 बेड का आलीशान अस्पताल बनने जा रहा है और साथ में 100 बेड का अलग से ट्रामा सेंटर भी बनेगा। मेवात आरटीआइ मंच के संयोजक राजुद्दीन ने बताया कि उनकी संस्था को भारत सरकार और हरियाणा सरकार की तरफ से पत्र मिला है। जिसमें 400 बेड की सुविधाएं मांडीखेड़ा के पुराने अस्पताल में दी जाएंगी। मांड़ीखेड़ा से जिले के पुन्हाना, नूंह और फिरोजपुर झिरका की दूरी बराबर पड़ती है। सुविधाएं बढ़ने से खून की कमी से जूझ रहे महिलाओं और बच्चों को छुटकारा मिलने की प्रबल संभावना है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का जिले के उत्थान में विशेष योगदान रहा है। मांडीखेड़ा में 300 बेड का अस्पताल और 100 बेड का ट्रामा सेंटर बनना है। जिससे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तन आएगा। जिसका प्रपोजल तैयार किया जा चुका है।

डॉ. राजीव बातिस, सिविल सर्जन नूंह।


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