Move to Jagran APP

जिले में मलेरिया से ग्राफ में आई भारी गिरावट

कुछ वर्षों से मलेरिया का जिले में संक्रमण स्तर गिरने लगा है। निस्संदेह इसका श्रेय विभाग के निरंतर जारी प्रयास व लोगों की जागरूकता को जाएगा। वहीं इस वर्ष भी मानूसन के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अभी से मलेरिया को लेकर अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 07:51 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:13 AM (IST)
जिले में मलेरिया से ग्राफ में आई भारी गिरावट
जिले में मलेरिया से ग्राफ में आई भारी गिरावट

संवाद सहयोगी, तावडू : नूंह जिले में कुछ वर्षो से मलेरिया संक्रमण का स्तर गिरने लगा है। इसका श्रेय विभाग के निरंतर प्रयास व लोगों की जागरूकता को जाता है। वहीं इस वर्ष मानसून के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अभी से मलेरिया से निपटने की अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। विभिन्न प्रयास शुरू कर दिए हैं।

loksabha election banner

बता दें कि विगत वर्षो से जिले ने मलेरिया पर काफी हद तक नियंत्रण पाया है। जहां वर्ष 2015 में मलेरिया के जिले में 6600 व 2016 में लगभग 5 हजार केस सामने आए थे वहीं 2018 में जिले में मलेरिया के 1964 केस सामने आए। 2019 में यह आंकड़ा 942 पर सिमट गया। वहीं 2020 में अब तक केवल 12 केस ही सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात बरतते हुए गत 5 वर्षो में जिले के जिन 146 गांवों में मलेरिया का संक्रमण अधिक फैला उन गांवों में स्प्रे शुरू कर दिया है। यह कार्य दो चरणों में सितंबर तक चलेगा। हो रहे स्प्रे का असर ढ़ाई महीने तक रहेगा।

वहीं जो पंचायतें फॉगिग कराने को कहेंगी, वहां विभाग ने ओर से फॉगिंग करवाने की भी व्यवस्था की गई है।

बांटे गए 3 लाख 45 हजार मच्छरदानी

जिले में 2017 में विभाग ने 1.75 लाख व 2019 में एक लाख मच्छदानियों का वितरण किया गया। शेष मच्छरदानियों का वितरण जारी है। इसी कड़ी में गत बुधवार से तावडू़ में 8230 मच्छरदानी का वितरण शुरू हुआ है। गत वर्ष मंत्री अनिल विज ने मलेरिया मुक्त मेवात मिशन शुरू किया था जिसके तहत जिले की उजीना, सुडाका, बाई व नूंह पीएचसी के अधीन आने वाले गांवों में मलेरिया को लेकर डोर टू डोर सर्वे हुआ व इन गांवों में एक लाख मच्छरदानी वितरित की गई। इन मच्छरदानी में दवाई मिली होती है व तीन वर्ष यह नष्ट नहीं होता है। मच्छर इससे संपर्क में आने के बाद मर जाते हैं।

.....कोट.......

मलेरिया की रोकथाम को लेकर 27 वैन दवाई का छिड़काव हुआ है। प्रत्येक वैन में पांच कर्मियों के साथ एक सुपरवाइजर होता है। कहीं से एक भी मलेरिया का केस सामने आ भी जाता है तो वहां विभाग दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। लोग थोड़ा जागरूक बनें और खुद को स्वस्थ्य रखें।

- डॉ. अरविद, जिला मलेरिया अधिकारी, नूंह।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.