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भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने बढ़ाई मुश्किलें

मई के बाद जून का आगाज और भी तीखा हुआ है। तेज धूप के रूप में आग बरसाते सूर्य देव ने आम जनजीवन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। शरीर में कील की तरह चुभने वाली तेज लू ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। सड़कों और गलियों में गर्मी से दोपहर के समय सन्नाटा पसरने लगा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुमान सुनकर तो लोगों की चिता बढ़ने लगी है।मंगलवार को जिले में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिसके चलते सूर्य की तल्ख धूप की तपिश देर रात तक महसूस होती है। छत के पंखे तो बिल्कुल ही बेअसर हो गए है। कूलर और एसी भी बिजली संकट के कारण ज्यादा राहत नहीं दे पा रहे। गर्मी अब जून के दिन बीतने के साथ ही तेवर तीखे कर रही है। सुबह से

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 06:40 PM (IST)
भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने बढ़ाई मुश्किलें

जागरण संवाददाता, नूंह :

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मई के बाद जून का आगाज और भी तीखा हुआ है। तेज धूप के रूप में आग बरसाते सूर्य देव ने आम जनजीवन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। शरीर को झुलसाने वाले तेज लू के थपेड़ों ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। सड़कों और गलियों में गर्मी से दोपहर के समय सन्नाटा पसरने लगा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुमान सुनकर तो लोगों की चिता बढ़ने लगी है। मंगलवार को जिले में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिसके चलते सूर्य की तल्ख धूप की तपिश देर रात तक महसूस होती है। छत के पंखे तो बिल्कुल ही बेअसर हो गए है। कूलर और एसी भी बिजली संकट के कारण ज्यादा राहत नहीं दे पा रहे। गर्मी अब जून के दिन बीतने के साथ ही तेवर तीखे कर रही है। सुबह से ही शुरू होने वाली लू किसी भी राहगीर के लिए मुश्किलें खड़ी करती है। दुपहिया पर चलने वाले लोग भी दोपहर के समय कहीं निकलने से बच रहे हैं। उधर चिकित्सकों का मानना है कि इस तरह के मौसम में लू से शरीर मौसमी बीमारियों की चपेट में आने की प्रबल संभावना होती है। इसलिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. गोबिद शरण का कहना है कि घर से बाहर निकलने पर चश्मा, टोपी व छाता आदि लेकर निकलना चाहिए। हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए। उल्टी दस्त से बचाव के लिए शरीर की सफाई पर ध्यान देना चाहिए। खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। धूल से बचाव के लिए सांस व दमे के रोगियों को कपड़ा मुंह पर रखकर घर से बाहर निकलना चाहिए ताकि हवा छन कर व शुद्ध मिले।

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