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डिप्थीरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ सर्तक

पुन्हाना में डिप्थीरिया (गलघोंटू) से एक बच्चे की मौत व 10 संभावित केस होने के बाद स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है। विभाग की तरफ से इस मामले में सर्तकता को लेकर क्षेत्र के गांवों में कैंप लगाकर जांच करने व टीकाकरण करने के साथ ही गुरुग्राम से विशेषज्ञों को बुलाया जा रहा है, ताकि क्षेत्र में डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सके। पुन्हाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डा. विजय पाल ने बताया कि विभाग की तरफ से गांवों में आशा वर्कर व स्वास्थ कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संभावि

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 05:27 PM (IST)
डिप्थीरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ सर्तक

जागरण संवाददाता, पुन्हाना: पुन्हाना में डिप्थीरिया (गलाघोंटू) से एक बच्चे की मौत व 10 संभावित केस होने के बाद स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है। विभाग की तरफ से इस मामले में सर्तकता को लेकर क्षेत्र के गांवों में कैंप लगाकर जांच करने व टीकाकरण करने के साथ ही गुरुग्राम से विशेषज्ञों को बुलाया जा रहा है, ताकि क्षेत्र में डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सके। पुन्हाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डा. विजय पाल ने बताया कि विभाग की तरफ से गांवों में आशा वर्कर व स्वास्थ कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में संभावित डिप्थीरिया के केसों पर विशेष रूप से नजर रखें। इसके साथ ही विभाग की टीमों द्वारा विशेषकर बादली, जमालगढ़, ¨सगार, मानौता, लफूरी, इंदाना व नई, औथा व गुलालता गांवों पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उक्त गांवों से संभावित मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अन्य गांवों में भी टीम द्वारा कैंप लगाकर डिप्थीरिया बीमारी को रोकने के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। डिप्थीरिया के लक्षण पाए जाने पर दवाई भी दी जा रही है।

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बता दें कि जिले में डिप्थीरिया के 2 दर्जन मामले सामने आए हैं। इसमें कई बच्चों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। इसलिए यहां पर ऐसे केसों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है। विभाग के उच्च अधिकारियों की तरफ से आए आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग के जिले स्तर के अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामीण क्षेत्र में गलाघोंटू पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। डिप्थीरिया को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को गांवों में जाकर संभावित पीड़ित बच्चों की जांच के लिए कहा गया है ताकि समय पर ऐसे मरीजों की पहचान के बाद उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

डॉ. विजयपाल, सीएचसी पुन्हाना।


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