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फोरलाइन की मांग को लेकर युवा सौपेंगे ज्ञापन

यहां के गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर दिन प्रतिदिन बढ़ते हादसों को देखते हुए क्षेत्र के सामाजिक संगठनों व युवाओं ने मार्ग के चौडीकरण के लिए पीएम और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय किया है। आगामी 10 अक्टूबर को यह ज्ञापन फिरोजपुर झिरका उपमंडल अधिकारी नागरिक के मार्फत सौंपा जाएगा। यह जानकारी मेवात कारवां के अध्यक्ष डॉ. असफाक आलम ने दी। उन्होंने बताया कि ज्ञापन संबंधी कार्यक्रम में जिले के सभी सामाजिक संगठनों व सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले स लोगों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका तक बनी सड़क पर हर दिन होते हादसों से क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। हालांकि वैसे तो सरकार ने इस मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया लेकिन इसे आज तक फोरलाइन करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मार्ग के चौडीकरण न होने का सबसे अधिक नुकसान क्षेत्र के लोग उठा रहे हैं। पिछले 10 सालों के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो जिले में हुए

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 03:05 PM (IST)
फोरलाइन की मांग को लेकर युवा सौपेंगे ज्ञापन
फोरलाइन की मांग को लेकर युवा सौपेंगे ज्ञापन

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका: गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर दिन प्रतिदिन बढ़ते हादसों को देखते हुए क्षेत्र के सामाजिक संगठनों व युवाओं ने मार्ग के चौडीकरण के लिए पीएम और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय किया है। आगामी 10 अक्टूबर को यह ज्ञापन फिरोजपुर झिरका उपमंडल अधिकारी नागरिक के मार्फत सौंपा जाएगा। यह जानकारी मेवात कारवां के अध्यक्ष डॉ. असफाक आलम ने दी।

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उन्होंने बताया कि ज्ञापन संबंधी कार्यक्रम में जिले के सभी सामाजिक संगठनों व सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका तक बनी सड़क पर हर दिन होते हादसों से क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। हालांकि वैसे तो सरकार ने इस मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया लेकिन इसे आज तक फोरलाइन करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मार्ग के चौडीकरण न होने का सबसे अधिक नुकसान क्षेत्र के लोग उठा रहे हैं। पिछले 10 सालों के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो जिले में हुए सड़क हादसों में सैंकड़ों लोगों अपनी जान गवां चुके हैं। दुर्घटनाएं देश ही नहीं समाज के लिए दुखदायी हैं।

उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर अब पैदल चलना भी दूभर हो गया है। क्योंकि इस मार्ग पर पिछले कुछ सालों में वाहनों का दबाव अधिक बढ़ गया है। इसके चलते यहां हादसे भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। मार्ग पर बढ़ते हादसों की वजह से लोग इसे अब डेथ हाईवे बोलने लगे हैं। डॉ. असफाक ने बताया कि ज्ञापन सौंपने से संबंधित कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की जा रही है इसमें क्षेत्र के सामाजिक संगठनों व बुद्धिजीवियों तथा समाजसेवियों को आमंत्रित किया गया है।


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