मौसम की उठापटक के बीच फसलों को लेकर सहमे क्षेत्र के किसान
पिछले दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी क्षेत्र के किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। दरअसल इस समय क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों में बाजरे की फसल की बिजाई की हुई है। अमूमन यहां बाजारे की फसल खेतों में पकी खड़ी है। जो हाल फिलहाल के दिनों कटान के लिए तैयार है। लेकिन मौसम की उठापटक से क्षेत्र का किसान अपनी पकी फसल को लेकर सहमा हुआ है। किसानों को डर है कि अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा है तो बाजरे की फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है। उधर मौसम विभाग ने हरियाणा में अगले तीन दिनों तक तेज बारिश और तूफान की संभावना जताई है। जिससे क्षेत्र का किसान सहमा नजर आ रहा है। वहीं मौसम विभाग की भविष्याणी को लेकर स्थानीय प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट हो गया है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका: पिछले दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी क्षेत्र के किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। दरअसल इस समय क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों में बाजरे की फसल की बिजाई की हुई है। अमूमन यहां बाजारे की फसल खेतों में पकी खड़ी है। जो हाल फिलहाल के दिनों कटान के लिए तैयार है। लेकिन मौसम की उठापटक से क्षेत्र का किसान अपनी पकी फसल को लेकर सहमा हुआ है। किसानों को डर है कि अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा है तो बाजरे की फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
उधर मौसम विभाग ने हरियाणा में अगले तीन दिनों तक तेज बारिश और तूफान की संभावना जताई है। जिससे क्षेत्र का किसान सहमा नजर आ रहा है। वहीं मौसम विभाग की भविष्याणी को लेकर स्थानीय प्रशासन भी इसको लेकर अलर्ट हो गया है। फिरोजपुर झिरका के उपमंडल अधिकारी नागरिक प्रशांत अटकान ने लघुसचिवालय स्थित बाढ़ राहत केंद्र बनाया है। जिसमें कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
बता दें कि समस्त नूंह जिले के किसानों ने करीब 26 हजार 600 हेक्टेयर रकबे में बाजरे की फसल की बिजाई की गई है। पिछले कई वर्षों की तुलना में इस बार बाजरे की बंपर पैदावार इलाके में देखी जा रही है। लेकिन अचानक बिगड़े मौसम ने किसानों के माथे पर न केवल ¨चता की लकीर खींच दी है बल्कि उन्हें उनकी फसल के खराब होने का खतरा भी दिखाई दे रहा है। उधर कृषि विभाग के अनुसार अभी जिले में फसल खराब होने की कोई सूचना नहीं है। हां अगर बारिश होती है तो बाजरे की फसल को इससे नुकसान हो सकता है।